क्या TMC के रास्ते सत्ता तक पहुंचेगी भाजपा?

Edited By Yaspal,Updated: 20 Dec, 2020 05:12 PM

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार से दो दिवसीय बंगाल दौर पर हैं। ऐसे में टीएमसी नेताओं में भगदड़ मची हुई है। कई नेता शनिवार को टीएमसी छोड़ भाजपा हुए, जिसमें एक सबसे चर्चित चेहरा शुभेंदु अधिकारी का रहा, जिन्होंने शाह के दौरे से पहले टीएमसी से...

नेशनल डेस्क (यशपाल सिंह): केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार से दो दिवसीय बंगाल दौर पर हैं। ऐसे में टीएमसी नेताओं में भगदड़ मची हुई है। कई नेता शनिवार को टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए, जिसमें एक सबसे चर्चित चेहरा शुभेंदु अधिकारी का रहा, जिन्होंने शाह के दौरे से पहले टीएमसी से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सवाल यही है कि क्या भाजपा टीएमसी के रास्ते सत्ता के शिखर पर पहुंचेगी?

2019 लोकसभा चुनाव में ममता को कड़ी टक्कर
लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को कड़ी टक्कर दी थी। भाजपा ने आम चुनाव में 42 सीटों में से 18 सीटों पर जीत दर्ज कर बंगाल में अपनी मौजूदगी दर्ज करा ममता के माथे पर पसीने ला दिए, जिसके बाद लगातार राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनातनी बनी हुई है। हालांकि कुछ एक मौकों पर केंद्र और राज्य के बीच कड़वाहट कम हुई लेकिन विधानसभा चुनाव आते-आते एक बार फिर यह दूरियां बढ़ती दिखाई दे रही हैं।

एक दर्जन से अधिक बड़े नेता छोड़ चुके हैं टीएमसी
2016 से लेकर अब तक करीब एक दर्जन से अधिक बड़े नेताओं ने टीएमसी छोड़ भाजपा का दामन थामा है, जिनमें मुकुल रॉय, अर्जुन सिंह, सौमित्र खान, मिहिर गोस्वामी, शुभेंदु अधिकारी जैसे ममता के करीबी नेता भी शामिल हैं। टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए इन नेताओं ने भाजपा को पश्चिम बंगाल में ममता के सामने प्रतिद्वंदी के तौर पर खड़ा करने में बहुत मदद की है। विधानसभा चुनाव के बाद मुकुल रॉय ने भाजपा जॉइन की थी। लोकसभा चुनाव से पहले टीएमसी के विधायक अर्जुन सिंह ने टीएमसी छोड़ बीजेपी का दामन थामा था। इसके अलावा सौमित्र खान भी आम चुनाव से पहले टीएमसी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे।

मुकुल रॉय
मुकुल रॉय 2009 से लेकर 2014 तक केंद्र में मंत्री रहे। 2009 में केंद्र में मनमोहन के नेतृत्व में दूसरी बार यूपीए की सरकार बनी। टीएमसी ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। टीएमसी के सहयोग से बनीं सरकार में पहले मुकुल रॉय को जहाजरानी राज्य मंत्री बनाया गया। हालांकि बाद में ममता बनर्जी के रेल मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उन्हें रेल मंत्री बनाया गया था। मुकुल रॉय ने 2017 में तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा जॉइन की थी। मुकुल रॉय ममता बनर्जी के काफी करीबी और भरोसेमंद थे। उन्हें पश्चिम बंगाल में पार्टी के कद्दावर नेता के तौर पर जाना जाता था।

अर्जुन सिंह
लोकसभा चुनाव 2019 के चुनाव से पहले टीएमसी के विधायक अर्जुन सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा जॉइन की। इसका उन्हें इनाम भी मिला और भाजपा ने अर्जुन को लोकसभा को चुनाव भी लड़वाया और उन्होंने जीत दर्ज की। उत्तरी 24 परगना के भाटपाड़ा से चार बार के विधायक अर्जुन सिंह रह चुके हैं और अभी बैरकपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं।

सौमित्र खान
सौमित्र खान ने भी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा जॉइन की। उन्होंने ममता सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। भाजपा ने सौमित्र को विष्णुपुर सीट से लोकसभा चुनाव में उतारा और टीएमसी के श्यामल संत्रा को हराया था। इससे पहले सोलहवीं लोकसभा में विष्णुपुर से ही टीएमसी के सांसद रह चुके हैं।

कितनी विधानसभा सीट पर है बढ़त
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत दर्ज की है। लिहाजा, सीटों के हिसाब से देखें तो अभी भाजपा की 125 विधानसभा सीटों पर बढ़त है।  जिन लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की, उनमें  विष्णुपर,  अलीपुरद्वार, आसनसोल, बलूरघाट, बनगांव,  बांकुरा,  बैरकपुर,  बर्दवान,  कूचबिहार, दार्जिलिंग,  हुगली,  जलपाईगुड़ी, झारग्राम, मालदा उत्तर, मेदिनीपुर, राजयगंज, पुरुलिया, रानाघाट हैं। विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने 200 पार का नारा दिया है। इसके लिए पार्टी ने बूथ लेवल से लेकर विधानसभा सीट तक अपने राष्ट्रीय नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है। अमित शाह ने खुद पार्टी का अध्यक्ष रहते हुए बंगाल जीतने की बात कही थी।

इन सीटों पर रही दूसरे नंबर की पार्टी
भारतीय जनता पार्टी आम चुनाव में करीब 20 सीटों पर दूसरे नंबर रही, जिनमें आरामबाग, बारासात, बर्धमान, बशीरघाट, बीरभूमि, बोलपुर, डॉयमंड हॉर्बर, घटल, हावड़ा, जादवपुर, जांगीपुर, जॉयनगर, कांठी, कोलकाता दक्षिण, कोलकाता उत्तर, मालदा, दक्षिण, मथुरापुर, श्रीरामपुर, तालमुक, उलुबेरिया सीटें हैं। इन सभी सीटों पर भाजपा ने टीएमसी को कड़ी टक्कर दी थी।

2020 में अब तक करीब एक दर्जन से अधिक टीएमसी नेता छोड़ चुके हैं पार्टी
वहीं, 2020 में अब तक एक दर्जन से अधिक टीएमसी नेता पार्टी छोड़ चुके हैं, जिनमें ज्यादातर भाजपा में शामिल हुए हैं। तृणमूल कांग्रेस से एक दिन में सर्वाधिक नेताओं के पार्टी छोड़ने के घटनाक्रम में शनिवार को दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी और पांच विधायकों एवं एक सांसद समेत 34 अन्य नेताओं ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थाम लिया। इससे पहले मिहिर गोस्वामी भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में सवाल है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा टीएमसी के रास्ते ही सत्ता के शीर्ष पर पहुंचेगी?

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