अनुच्छेद 370, 35 ए को बहाल करने के लिए राजनीतिक, कानूनी रूप से लड़ेंगे : उमर अब्दुल्ला

Edited By Monika Jamwal,Updated: 31 Oct, 2020 01:35 PM

will fight politically legally to restore article 370 35a omar abdullah

जम्मू-कश्मीर में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने शुक्रवार को अपने विचार-विमर्श का दायरा बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी और इसके तहत लद्दाख के निवासियों के साथ उसने चर्चा की।


श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने शुक्रवार को अपने विचार-विमर्श का दायरा बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी और इसके तहत लद्दाख के निवासियों के साथ उसने चर्चा की। गठबंधन ने जोर दिया कि अनुच्छेद 370 और 35ए को केंद्र द्वारा खत्म करना अस्वीकार्य है और उन्हें वापस लाने के लिए लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने यहां से 200 किलोमीटर दूर करगिल में संवाददाताओं से कहा,"हम राजनीतिक और कानूनी रूप से लड़ेंगे लेकिन हमारी लड़ाई शांतिपूर्ण होगी। हम इस राज्य में माहौल खराब नहीं करना चाहते हैं।" उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू-कश्मीर के लिये आगे के रास्ते के बारे में लोगों के साथ परामर्श करने के लिए अभी करगिल में है।  नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत मुख्य धारा के सात दलों के गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा बहाल कराने के लिए पीएजीडी का गठन किया है।

पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की लड़ाई शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए उमर ने कहा कि पीएजीडी हर किसी से बात करने के लिए तैयार है जो उनकी मांगों को लेकर व्यापक सहमति बना सके। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि करगिल के प्रतिनिधि पीएजीडी का हिस्सा बनें। इससे पहले द्रास सेक्टर में लोगों को संबोधित करते हुए उमर ने कहा कि केंद्र के पिछले वर्ष के निर्णय के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी क्योंकि पूर्ववर्ती राज्य के लोगों से विचार-विमर्श किए बगैर इसे उन पर 'अवैध' रूप से थोपा गया था।

केन्द्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था। इसके बाद तत्कालीन राज्य को विभक्त करके जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने ट्वीट किया,"द्रास के लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया, जिन्होंने एक सुर में गुपकर घोषणापत्र गठबंधन के एजेंडे का समर्थन किया।" नेकां प्रमुख फारूक अब्दुल्ला पीएजीडी के अध्यक्ष और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इसकी उपाध्यक्ष हैं।

महबूबा ने ट्वीट किया, "लोगों से बातचीत करने के लिए आपको करगिल में देखकर अच्छा लगा। उनसे सम्पर्क करने का यह सबसे सही समय है क्योंकि अपने भविष्य को लेकर उनके मन में भी संदेह हैं।" नेकां नेता नासिर असलम वानी, पीडीपी नेता गुलाम नबी लोन हंजुरा और वहीद पारा और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मुजफ्फर शाह भी करगिल पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं। पिछले साल पांच अगस्त के केन्द्र के फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के नेताओं का यह पहला लद्दाख दौरा है।
 

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