Edited By Seema Sharma,Updated: 13 Jan, 2020 03:23 PM
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने सोमवार को कहा कि जामिया ने छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। प्रोफेसर अख्तर ने यहां उनका घेराव करने आए छात्रों को...
नई दिल्लीः जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने सोमवार को कहा कि जामिया ने छात्रों पर हुई पुलिस बर्बरता के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। प्रोफेसर अख्तर ने यहां उनका घेराव करने आए छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि 15 दिसम्बर की घटना बहुत क्रूर थी। पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की प्रक्रिया कल से शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस बिना प्रशासन की अनुमति के कैम्पस में आई और यहां के मासूम विद्यार्थियों की पिटाई की इस घटना की पहले दिन से निंदा कर रहे हैं। छात्रों के हक पुलिस के खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी रहेगी। हालांकि छात्र पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तिथि की मांग पर अड़े हैं।
छात्रों का कहना है कुलपति उन्हें एक निश्चित तिथि बताएं कि कब अदालत में जाएगी औए कब एफआईआर कराई जाएगी। कुलपति ने कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर वह कुछ नहीं बोलेंगी। गौरतलब है कि 15 दिसंबर को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के बाद जामिया कैम्पस में घुसकर पुलिस ने लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की थी तथा छात्रों को बेरहमी से पीटा था।
उसके बाद जामिया प्रशासन ने पांच जनवरी तक छुट्टी की घोषणा कर दी लेकिन इस बीच भी कैम्पस के बाहर छात्रों और स्थानीय लोगों का नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन चलता रहा। 6 जनवरी को दोबारा जामिया खुला और 9 जनवरी से सेमेस्टर परीक्षा की घोषणा की गई लेकिन पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर आज छात्रों ने परीक्षा का बायकॉट कर कुलपति का घेराव किया।