Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Jul, 2018 09:00 AM
राजधानी में ये अटकलें जोरों पर हैं कि सोनिया गांधी चुनावी राजनीति को अलविदा कह सकती हैं और रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसकी बजाय वह यह सीट प्रियंका गांधी वाड्रा को दे सकती हैं। सोनिया गांधी सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों से दूर हो रही हैं
नेशनल डेस्कः राजधानी में ये अटकलें जोरों पर हैं कि सोनिया गांधी चुनावी राजनीति को अलविदा कह सकती हैं और रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसकी बजाय वह यह सीट प्रियंका गांधी वाड्रा को दे सकती हैं। सोनिया गांधी सक्रिय राजनीतिक गतिविधियों से दूर हो रही हैं और उन्होंने संगठन का सारा काम पिछले वर्ष दिसम्बर में उस समय राहुल गांधी को सौंप दिया था जब उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था। कांग्रेस पार्टी में लम्बे समय से यह मांग जोरों पर है कि प्रियंका गांधी को आगे लाया जाना चाहिए। इससे 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी की जीत की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा। इससे उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में पार्टी वर्करों में जोश आएगा।
लम्बे समय से प्रियंका गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए पर्दे के पीछे रहकर काम कर रही हैं। सोनिया गांधी ने 1999 में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उसके बाद 2004 में वह रायबरेली से चुनाव जीतीं। तब से लेकर अब तक वह इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
सोनिया का स्वास्थ्य अब ठीक नहीं रहता और वह बड़े पैमाने पर अभियान करने में अक्षम हैं जैसा कि वह पहले किया करती थीं। सोनिया गांधी चाहती हैं कि रायबरेली की सीट परिवार के पास ही रहे और इसके लिए प्रियंका गांधी को इस सीट से आगे लाया जा सकता है। प्रियंका को सक्रिय राजनीति में शामिल करने से ङ्क्षहदी भाषी क्षेत्रों में कांग्रेस को काफी प्रोत्साहन मिलेगा।