जावड़ेकर बोले-प्रदूषण पर काबू पाने में चीन को लगे 15 साल, हम इससे कम वक्त में सुधारेंगे हवा

Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Nov, 2019 04:37 PM

will tackle delhi pollution in less time than beijing javadekar

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित देश में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर विभिन्न दलों द्वारा चिंता जताए जाने के बीच पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को विश्वास व्यक्त किया कि बीजिंग को वायु प्रदूषण से निपटने में 15 साल लगे, हम इससे कम समय...

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित देश में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर विभिन्न दलों द्वारा चिंता जताए जाने के बीच पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को विश्वास व्यक्त किया कि बीजिंग को वायु प्रदूषण से निपटने में 15 साल लगे, हम इससे कम समय में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाएंगे। लोकसभा में वायु प्रदूषण एवं जलवायु परिवर्तन पर नियम 193 के तहत हुई चर्चा का जवाब देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए जन आंदोलन की जरूरत है। यह कोई राजनीतिक सवाल नहीं है। इससे हम सभी को मिलकर निपटना है और इसके लिये सतत प्रयास जरूरी है।

 

मंत्री ने कहा कि बीजिंग को वायु प्रदूषण से निपटने में 15 साल लगे हैं, हम इससे कम समय में इसे (वायु प्रदूषण को) मात देंगे। उन्होंने कहा कि इस समस्या पर काबू पाने के लिए सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं और उनका असर भी हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन में संबंध है। सरकार 2030 तक देश में कुल ऊर्जा उपयोग का 40 प्रतिशत नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा से करने की दिशा में काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने इस दिशा में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा करते हुए कहा कि हर शहर की समस्या के अलग-अलग कारण हैं और उन्हें किसी एक तरीके से हल नहीं किया जा सकता, ऐसे में हम हर शहर के हिसाब से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण के प्रबंधन के लिए सरकार ने कारणों पर आधारित दृष्टिकोण अपनाया है।

 

उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारणों में औद्योगिक उत्सर्जन, वाहन जनित उत्सर्जन, सड़क और मिट्टी की धूल, निर्माण और विध्वंस गतिविधियां, बायोमास और कचरा जलाना शामिल हैं। जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया के सिर्फ दो ही देशों- भारत और चीन में हरित क्षेत्र में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण पर काबू के लिए हम सब से जो प्रयास हो सकता है, करना चाहिए। उन्होंने देश के विभिन्न शहरों के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली सहित कई शहरों में यह 300 से ज्यादा है तो कई शहरों में यह 60 से भी कम है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वायु प्रदूषण की समस्या का व्यापक तरीके से हल करने के लिए जनवरी 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है।

 

इसमें 2017 को आधार वर्ष मानते हुए 2024 तक पीएम 10 और पीएम 2.5 को 20 से 30 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर मंगलवार को शुरू हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रदूषण एक वैश्विक घटना है और इसका मुकाबला वैश्विक स्तर पर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जलवायु के बारे में साक्षरता को बढ़ावा देना होगा और जलवायु योद्धा तैयार करने होंगे। भाजपा के जगदम्बिा पाल ने कहा कि प्रदूषण से न केवल लोग प्रभावित हो रहे हैं बल्कि इससे जीडीपी भी प्रभावित हो रही है।

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