Edited By shukdev,Updated: 10 Oct, 2018 08:13 PM
पंजाब और हरियाणा में पराली के जलाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बुधवार को लगातार तीसरे दिन खराब रही। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान शोध केन्द्र (सफर) के वायु गुणवत्ता...
नई दिल्ली: पंजाब और हरियाणा में पराली के जलाए जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता बुधवार को लगातार तीसरे दिन खराब रही। केन्द्रीय वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान शोध केन्द्र (सफर) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार दिल्ली में हवा की गुणवत्ता का स्तर बुधवार को शाम चार बजे 239 तक पहुंच गया। इसे हवा की खराब श्रेणी में रखा जाता है। सूचकांक पर हालांकि मंगलवार को इसका स्तर 256 था। इसमें बुधवार को मामूली सुधार दर्ज किया गया।
सूचकांक पर शून्य से 50 अंक तक वायु गुणवत्ता को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक के स्तर को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक के स्तर को ‘मध्यम’ श्रेणी, 201 से 300 तक के स्तर को ‘खराब’, 301 से 400 तक के स्तर को बहुत खराब और 401 से 500 तक के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़ों के अनुसार गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी बुधवार को हवा की गुणवत्ता खराब बनी रही।
वायु गुणवत्ता सूचकांक पर गाजियाबाद 233 और गुरुग्राम 243 के स्तर पर थे। वायु प्रदूषण के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार पीएम 10 और पीएम 2.5 की मौजूदगी क्रमश: 224 और 102 के स्तर पर पहुंच गई। वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफे का कारण हवा के रुख में बदलाव और पंजाब एवं हरियाणा में किसानों द्वारा पराली जलाए जाने की घटनाओं में बढ़ोतरी को बताया जा रहा है।