Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Jul, 2020 12:44 PM
मां आखिर मां होती है। मां के लिए बच्चों से बढ़कर कुछ नहीं होता और जब उन पर मुसीबत आती है तो वह हर हद पार कर जाती है। ऐसा ही मामला सामने आया है महाराष्ट्र का। लॉकडाउन में एक महिला अपने बीमार बेटे से मिलने के लिए महाराष्ट्र से झारखंड तक दो पहिया गाड़ी...
नेशनल डेस्कः मां आखिर मां होती है। मां के लिए बच्चों से बढ़कर कुछ नहीं होता और जब उन पर मुसीबत आती है तो वह हर हद पार कर जाती है। ऐसा ही मामला सामने आया है महाराष्ट्र का। लॉकडाउन में एक महिला अपने बीमार बेटे से मिलने के लिए महाराष्ट्र से झारखंड तक दो पहिया गाड़ी (स्कूटर) से चली गई। कदमा स्थित भाटिया बस्ती की रहने वाली सोनिया दास अपनी सहेली-साबिया बानो के साथ पुणे से 1800 किलोमीटर का सफर तय करके शुक्रवार शाम जमशेदपुर पहुंचीं। दरअसल सोनिया के पति ने सोमवार को उसे बताया कि 5 साल के बेटे को बुखार हो गया है।
सोनिया यह सुनकर घबरा गई। उसने महाराष्ट्र और झारखंड सरकार से ट्वीट के जरिए मदद मांगी लेकिन कोई उम्मीद बंधती न देख सोनिया ने स्कूटर से जमशेदपुर जाने का फैसला किया। सोनिया ने बताया कि टाटानगर और पुणे या मुंबई के बीच कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं थी और न ही हमारे पास इतने पैसे थे कि एयर टिकट खरीदते। जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो स्कूटर से ही बेटे के पास पहुंचने का फैसला किया क्योंकि उसके लेकर मैं काफी टेंशन में आ गई थी। सोनिया के कहा कि जेब में सिर्फ पांच हजार रुपए थे जिसके सहारे हमने इतना लंबा सफर तय किया।
जमदेशपुर पहुंचने पर सोनिया और उसकी दोस्त का कोरोना टेस्ट हुआ। जमशेदपुर के डीएसपी (हेडक्वार्टर II) अरविंद कुमार ने बताया कि दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। फिलहाल दोनों को क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है। सोनिया ने बतया कि उसने अपने बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों को शुक्रवार शाम बालकनी से देखा। सोनिया और सोबिया 14 दिन के लिए टेल्को क्वारंटाइन सेंटर में रहेगी। सोनिया मुंबई में एक प्रोडक्शन हाउस के साथ काम कर रही थी लेकिन लॉकडाउन के कारण नौकरी चली गई। घर का किराया न दे पाने के चलते उसे मकान मालिक ने निकाल दिया था इसके बाद वह पुणे में साबिया के घर रह रही थी।