महिला प्रॉपर्टी नहीं, पति उसे अपने साथ रहने के लिए मजबूर नहीं कर सकता: SC

Edited By Seema Sharma,Updated: 08 Apr, 2018 02:15 PM

woman can not force her husband can not force her to live with him sc

सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि पत्नी ‘चल संपति’ या एक ‘वस्तु’ नहीं है और साथ रहने की इच्छा होने के बावजूद पति इसके लिए पत्नी पर दवाब नहीं बना सकता है। एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए दायर आपराधिक केस की सुनवाई के...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि पत्नी ‘चल संपति’ या एक ‘वस्तु’ नहीं है और साथ रहने की इच्छा होने के बावजूद पति इसके लिए पत्नी पर दवाब नहीं बना सकता है। एक महिला की तरफ से पति पर क्रूरता का आरोप लगाते हुए दायर आपराधिक केस की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है। महिला ने अपने आरोप में कहा था कि पति चाहता है कि वह उसके साथ रहे लेकिन वह स्वयं उसके साथ नहीं रहना चाहती है। न्यायमूर्ति मदन बी.लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने अदालत में मौजूद व्यक्ति से कहा, ‘‘वह एक चल संपत्ति नहीं है। आप उसे मजबूर नहीं कर सकते । वह आपके साथ नहीं रहना चाहती हैं। आप कैसे कह सकते हैं कि आप उसके साथ रहेंगे।’’

पीठ ने महिला के वकील के जरिए पति के साथ नहीं रहने की इच्छा वाले बयान के दृष्टिगत व्यक्ति से पत्नी के साथ रहने के निर्णय पर ‘पुर्निवचार’ करने को कहा। अदालत ने व्यक्ति से कहा, ‘‘आपके लिए इस पर पुर्निवचार बेहतर होगा।’’ व्यक्ति की ओर से पेश वकील से पीठ ने कहा , ‘‘आप (व्यक्ति) इतना गैरजिम्मेदार कैसे हो सकते हैं? वह महिला के साथ चल संपत्ति की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वह एक वस्तु नहीं है।’’ इस मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी।

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