Edited By kamal,Updated: 09 May, 2018 06:55 PM
जिला अस्पताल में सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खुली है। दरअसल अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण के लिए पहुंचे थे और इस दौरान उपचाराधीन एक गर्भवती की मौत हो गई। इस दौरान डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
मुरैना : जिला अस्पताल में सरकार के स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खुली है। दरअसल अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री निरीक्षण के लिए पहुंचे थे और इस दौरान उपचाराधीन एक गर्भवती की मौत हो गई। इस दौरान डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। परिजनों का आरोप हैं कि अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री के निरीक्षण के दौरान पांच घंटों तक न तो किसी डॉक्टर ने गर्भवती का इलाज किया और न ही उसका हाल जाना बल्कि उनसे दो हजार रुपये की मांग की गई।
जानकारी के अनुसार किश्नपुर निवासी महेश कुशवाहा कि पत्नी अपने माइके जौरा में थी। वहीं उसे प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे लेकर जौरा स्वास्थ्य केंद्र पहुचे। जहां प्रसूता ने मृत बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी तो जौरा स्वास्थ्य केंद्र से सुबह मुरैना जिला अस्पताल रैफर कर दिया। जहां उसकी मौत हो गई। मृतका का पति अस्पताल में निरिक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री से भी मिला लेकिन मंत्री ने आवेदन लिखने की बात कह निकल गए।
वहीं, परिजनों ने ड्यूटी स्टाफ पर 2000 हजार रुपये मांगने के आरोप लगाए और कहा कि रुपये ना दे पाने के कारण 5 घंटों तक किसी ने भी प्रसूता को नहीं और देखा इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। गुस्साए परिजनों और कांग्रेस नेता गिर्राज डंडोतिया ने मुरैना जिला अस्पताल में धरना देते हुए ड्यूटी स्टाफ पर कार्रवाई करने का मांग की है। मामले पर अस्पताल के सिविल सर्जन एके सक्सैना का कहना है कि मामले की पूरी जांच करवाई जाएगी।