Edited By Yaspal,Updated: 09 Jan, 2019 09:15 PM
समाज के उच्च वर्ग के बच्चों का अक्सर सुख-सुविधाओं से लैस प्ले स्कूलों में नाम लिखाय जाता हो, लेकिन तिरुनेलवेली की जिला कलेक्टर ने अपनी बेटी को आंगनवाड़ी केंद्र...
नेशनल डेस्कः समाज के उच्च वर्ग के बच्चों का अक्सर सुख-सुविधाओं से लैस प्ले स्कूलों में नाम लिखाय जाता हो, लेकिन तिरुनेलवेली की जिला कलेक्टर ने अपनी बेटी को आंगनवाड़ी केंद्र भेजकर एक उदाहरण पेश किया है।
साल 2009 बैच की आईएएस अफसर शिल्पा प्रभाकर सतीश इस जिले की पहली महिला जिलाधिकारी और आंगनवाड़ियों की बड़ी समर्थक हैं। उनका कहना है कि ’आंगनवाड़ी समेकित बाल विकास केंद्र’ होते हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने घर के पास वाले राज्य सरकार द्वारा संचालित आंगनवाड़ी केंद्र में अपनी बेटी को प्रवेश क्यों दिलाया? उन्होंने कहा, “हम (सरकार) ही तो आंगनवाड़ी को बढ़ावा देते हैं।“
कलेक्टर शिल्पा प्रभाकर सतीश ने क्या कहा
जिलाधिकारी ने कहा कि वह चाहती हैं कि उनकी बच्ची समाज के सभी वर्गों के बच्चों के साथ समय बिताए और तमिल भाषा जल्दी सीखे। उन्होंने बुधवार को कहा, हमारे आंगनवाड़ी केंद्रों में सभी सुविधाएं हैं। आंगनवाड़ी केंद्र मेरे घर के समय बिल्कुल पास है और वह (उनकी बेटी) लोगों से मिलती है और वहीं खेलती है।
शिल्पा ने कहा, तिरुनेलवेली में कुछ हजार आंगनवाड़ी हैं और इनमें से सभी में अच्छे शिक्षक हैं, जो बच्चों की देखभाल करने में सक्षम हैं और हमारे पास अच्छा आधारभूत ढांचा तथा खेलने की सामग्री है।