Edited By vasudha,Updated: 15 Mar, 2019 06:11 PM
लोकसभा चुनावों में पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे शहरी युवाओं का नजरिया बिलकुल साफ है कि वे देश के भविष्य के लिए वोट करेंगे। उत्सुक एवं महत्त्वकांक्षी युवाओं का कहना है कि वे नेताओं से नौकरियों, महिलाओं की सुरक्षा एवं किसान संकट जैसे...
नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनावों में पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने जा रहे शहरी युवाओं का नजरिया बिलकुल साफ है कि वे देश के भविष्य के लिए वोट करेंगे। उत्सुक एवं महत्त्वकांक्षी युवाओं का कहना है कि वे नेताओं से नौकरियों, महिलाओं की सुरक्षा एवं किसान संकट जैसे असल मुद्दों पर ध्यान देने की उम्मीद करते हैं। जीवन को लेकर अपने लक्ष्यों एवं करियर के चुनाव में ये सभी भले ही एक-दूसरे से जुदा हों लेकिन बेहतर कल की उम्मीदों एवं युवाओं की चिंताओं को प्रर्दिशत करने में सभी एक हैं।
1.5 करोड़ युवा मतदाता करेंगे पहली बार मतदान
इनमें से ज्यादातर का कहना है कि देश के संसाधनों एवं उर्जा को धरोहरों एवं मूर्तियों जैसी चीजों पर खर्च नहीं किया जाना चाहिए। पढ़ाई से करियर के सफर पर जाने को तैयार हरियाणा से लेकर कर्नाटक तक के कई युवाओं ने सार्वजनिक रूप से या सोशल मीडिया पर खुद को स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्त करने के अनुभव भी बताए और भावी सांसदों की तरफ से इस विमर्श को बदले जाने की इच्छा जताई। चुनाव आयोग के मुताबिक 18-19 आयु वर्ग के 1.5 करोड़ युवा मतदाता आगामी चुनावों में पहली बार मतदान के अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे।
नौकरियों को लेकर चिंतित युवा
मिरांडा हाउस में पढ़ रही हरियाणा की कनिका ने कहा कि बतौर युवा हम सभी नौकरियों को लेकर चिंतित हैं। हम जिन नेताओं एवं सांसदों को चुनते हैं उन्हें रोजगार परिदृश्य में सुधार करने पर काम करना चाहिए। साथ ही उसने महिलाओं की सुरक्षा को भी बड़ा मुद्दा बताया और आरोप लगाया कि इस मुद्दे को असल में किसी पार्टी ने कभी गंभीरता से नहीं लिया है।
हर वोट कीमती
वहीं तमिलनाडु के कोयंबटूर की रहने वाली मधुमिता प्रियदर्शनी ने कहा कि हर वोट कीमती है। मैं चुनावों का महत्त्व समझती हूं। जब मैं अपना वोट डालूंगी तो किसानों का मुद्दा मेरे लिए सबसे अहम होगा। ऐसे ही अलग-अलग प्रदेशों के युवाओं की अपनी-अपनी उम्मीदें हैं जो वोट डालते वक्त निर्णयकारी साबित होंगी। कश्मीर के युवा अपने राज्य में शांति एवं एक स्थिर सरकार चाहते हैं। वहीं कई युवा अभिव्यक्ति की अपनी स्वतंत्रता पर पहरे नहीं चाहते। कुल मिलाकर पहली बार मतदान कर रहे युवा इस बार देश की बेहतरी को मन में रखते हुए वोट डालने जा रहे हैं।