Edited By Monika Jamwal,Updated: 13 Apr, 2019 07:14 PM
सेना ने कहा है कि वो जम्मू डिविजन में और विशेषकर किश्तवाड़ में आतंकवाद को पनपने नहीं देगी।
जम्म्मूः सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि फौज किश्तवाड़ समेत जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को फिर सिर नहीं उठाने देगी। किश्तवाड़ में पिछले साल नवंबर से भाजपा और संघ के दो वरिष्ठ नेताओं समेत चार लोगों की हत्या के मामले सामने आए हैं। व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह ने कहा कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के जवाब में 26 फरवरी को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर पर भारत के हवाई हमले के बाद कश्मीर घाटी में पाकिस्तान के इस संगठन के नेतृत्व को धराशायी कर दिया गया है।
राजौरी जिले में मीडियार्किमयों के साथ बातचीत में अधिकारी ने कहा, ‘‘हाल ही में किश्तवाड़ में घटी घटना ङ्क्षचता का विषय है। जिस भी इलाके में आतंकवाद का सफाया किया जाता है, वहां दुश्मन इसे फिर खड़ा करने की कोशिश करते हैं लेकिन हम चुनौती के लिए तैयार हैं और मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर इरादा आतंकवाद को फिर से पैदा करने का है तो हम ऐसा होने नहीं देंगे।’’
करीब एक दशक पहले आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील किश्तवाड़ पिछले साल एक नवंबर को भाजपा के प्रदेश सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की हत्या से दहल गया था। उसके बाद गत मंगलवार को आरएसएस के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत शर्मा और उनके अंगरक्षक की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘सेना ने यह इलाका छोड़ा नहीं है क्योंकि दुश्मन एक बार फिर आतंकवाद को पैदा करने की कोशिश कर सकता है लेकिन जब तक हम एकजुट रहेंगे, पाकिस्तान अपनी कुत्सित सोच पूरी नहीं कर सकता।’’