Edited By shukdev,Updated: 21 Sep, 2018 06:14 PM
विश्व बैंक समूह के कार्यकारी निदेशक मंडल ने भारत के साथ नई कंट्री पाटर्नरशिप फ्रेमवर्क (सीपीएफ) का अनुमान दिया है, जिसके तहत इस समूह में शामिल संगठन वित्त वर्ष 2022 तक भारत को 25 से 30 अरब डॉलर तक के वित्त उपलब्ध कराएंगे। विश्व बैंक ने शुक्रवार को...
नई दिल्ली : विश्व बैंक समूह के कार्यकारी निदेशक मंडल ने भारत के साथ नई कंट्री पाटर्नरशिप फ्रेमवर्क (सीपीएफ) का अनुमान दिया है, जिसके तहत इस समूह में शामिल संगठन वित्त वर्ष 2022 तक भारत को 25 से 30 अरब डॉलर तक के वित्त उपलब्ध कराएंगे। विश्व बैंक ने शुक्रवार को जारी बयान में यह जानकारी देते हुए कहा कि विश्व बैंक समूह के कार्यकारी निदेशक मंडल ने शुक्रवार को ही सीपीएफ को अनुमोदित किया है जिसका उद्देश्य पर्याप्त संसाधन और समग्र विकास , रोजगार सृजन तथा मानव पूंजी निर्मित कर उच्च मध्यम आय वाला देश बनाना है।
विश्व बैंक समूह में इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (आईबीआरडी), इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (आईएफसी) और बहुस्तरीय निवेश गांरटी एजेंसी (एमआईजीए) शामिल है। यह समूह वित्त वर्ष 2022 तक भारत को 25 से 30 अरब डॉलर के वित्त उपलब्ध कराएगा। विश्व बैंक दक्षिण एशिया के उपाध्यक्ष हर्टविग सेफर ने कहा कि तीव्र आर्थिक विकास, वैश्विक पहचान और पिछले दशक में सबसे अधिक गरीब को गरीबी के स्तर से ऊपर उठाने वाले भारत में वर्ष 2030 तक उच्च मध्यम आय वाला देश बनने की पूरी क्षमता है।