अमेरिका ने दुनिया का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया शुरु, 10 देशों के महाविनाशक युद्धपोत शामिल

Edited By Tanuja,Updated: 19 Aug, 2020 02:45 PM

world s largest naval exercise deepens us tensions with china

कोरोना वायरस महामारी और चीन से तनाव के बीच चलते अमेरिका ने हवाई द्वीप समूह के पास दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास रिमपैक (RIMPAC 2020) शुरू कर दिया

इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस महामारी और चीन से तनाव के बीच चलते अमेरिका ने हवाई द्वीप समूह के पास दुनिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास रिमपैक (RIMPAC 2020) शुरू कर दिया है। 17 अगस्त से 31 तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में 10 देशों के 20 महाविनाशक युद्धपोत और सबमरीन हिस्सा ले रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में चीन को न्योता नहीं दिया गया है। युद्धाभ्यास ऐसे समय पर होने जा रहा है जब अमेरिका ऑस्ट्रेलिया और भारत समेत कई देशों के साथ चीन का तनाव बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती दादागिरी को रोकने के लिए अपने एयरक्राफ्ट कैरियर को तैनात किया है।

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यहीं नहीं अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर लगातार इस इलाके में न केवल गश्त लगा रहा है, बल्कि युद्धाभ्यास भी कर रहा है। इस तनाव को देखते हुए माना जा रहा था कि अमेरिका ताइवान की नौसेना को भी रिमपैक में शामिल होने का न्योता दे सकती है लेकिन ऐसा हुआ नहीं। माना जा रहा है कि अमेरिका ने चीन के साथ तनाव को चरम पर पहुंचने से रोकने के लिए ताइवान को इस अभ्यास में न्योता नहीं दिया। आमतौर पर रिमपैक में 30 देशों के 50 युद्धपोत सबमरीन, 200 फाइटर जेट और 25 हजार जवान हिस्सा लेते रहे हैं। हालांकि कोरोना संकट की वजह से इस बार केवल 5300 जवान ही हिस्सा ले रहे हैं। अमेरिका के तीसरे फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल स्कॉट कॉन ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का मकसद प्रशांत महासागर में अपने दोस्तों के बीच एक-दूसरे पर निर्भरता और विश्वास को बढ़ाना है।

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इस नौसैनिक अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, ब्रूनई, कनाडा, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, सिंगापुर और अमेरिका हिस्सा ले रहे हैं। इस बार अभ्यास के दौरान 10 देशों की नौसेनाएं जमीनी हमले और सबमरीन युद्धकौशल का अभ्यास करेंगे। इस दौरान लाइव फायर के भी अभ्यास होंगे। कोरोना वायरस खतरे को देखते हुए सुरक्षा के खास उपाय किये गये हैं। करीब 14 दिन तक क्वारंटाइन रहने के बाद ही इस अभ्यास में सैनिकों को हिस्सा लेने दिया जा रहा है। चीन को भी एक बार फिर से इस युद्धाभ्यास से बाहर रखा गया है। साउथ चाइना पर कब्जे के लिए चीन ने एक तरफ अपने कृत्रिम द्वीपों पर फाइटर जेट तैनात किए हैं, वहीं उसकी सबमरीन और युद्धपोत भी इलाके में तनाव की वजह बने हुए हैं। चीन का अपने पड़ोसी देशों भारत, जापान, मलेशिया, वियतनाम और फिलीपींस से तनाव चल रहा है। हांगकांग पर जबरन नियंत्रण के बाद चीन ने ताइवान पर कब्जे की तैयारी तेज कर दी है।

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चीन ने ताइवान स्ट्रेट के पास अपने पानी और जमीन पर चलने में सक्षम युद्धपोतों और फाइटर जेट की तैनाती की है। यही नहीं चीन (China) लगातार ताइवान स्ट्रेट के पास युद्ध अभ्यास कर रहा है। सैन्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन ताइवान (Taiwan) पर कब्जे की तैयारी कर रहा है। चीन ने ताइवान पर दबाव बनाने के लिए ताइवान स्ट्रेट के पास करीब 40 हजार सैनिक तैनात किए हैं। इसके लिए उसने दो मरीन ब्रिगेड बनाए हैं। चीन ने धमकी दी है कि अगर राजनीतिक तरीके से ताइवान चीन का हिस्सा नहीं बनेगा तो वह ताकत के बल पर ताइवान पर कब्जा कर लेंगे।

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