Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Sep, 2017 07:07 PM
मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में पड़ने वाली नर्मदा घाटी में 30 बड़े, 135 मझोले और 3000 छोटे बांध बनाने की योजना शुरू से ही हर मुद्दे पर विवाद में रही है
नई दिल्लीः सरदार सरोवर बांध गुजरात के केवाड़िया क्षेत्र में स्थित है। 56 साल पहले सरदार सरोबर बांध परियोजना की नींव रखी गई। देश पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाला नेहरू ने 4 अप्रैल 1961 में परियोजना की नींव रखी। अब करीब पांच दशकों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर 2017 को लोकार्पण किया। 56 साल पहले शिलान्यांस हुई परियोजना इन्हीं सब वजहों से अपनी शुरुआती लागत से बहुत ऊपर जा चुकी है। मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में पड़ने वाली नर्मदा घाटी में 30 बड़े, 135 मझोले और 3000 छोटे बांध बनाने की योजना शुरू से ही हर मुद्दे पर विवाद में रही है।
इस योजना के चलते विस्थापित हुए 5 लाख से ज्यादा लोगों की स्थिति को देखते हुए इसका खूब विरोध हुआ है। मेधापाटकर लंबे समय से इस परियोजना के विरोध में अनशन कर रही हैं। इससे पहले भी कोर्ट जाकर उन्होंने परियोजना के निर्माण पर रोक लगवा दी थी। माना जा रहा है कि इस बांध से गुजरात के कई सूखाग्रस्त जिलों में पानी पहुंचेगा और मध्य प्रदेश में बिजली की समस्या दूर होगी।
सरदार सरोवर बांध से जुड़ी कुछ खास व अहम बातें:
- अमरीका के ग्रांड कोली डैम के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा डैम सरदार सरोवर बांध है।
- बांध से 6 हज़ार मेगावाट बिजली पैदा होगी जो कि गुजरात, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में वितरित होगी।
- इससे उत्पन्न होने वाली 57% बिजली महाराष्ट्र में, 27% मध्य प्रदेश और शेष गुजरात को मिलेगी।
- सिंचाई और पानी की आपूर्ति के मामले में इस परियोजना से राजस्थान को भी कुछ लाभ मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
- हाल ही में बांध की उंचाई को 138.68 मीटर तक बढ़ाई गई है। इसमें 4.73 मिलियन क्यूबिक पानी संचय करने की क्षमता है।
- इस बांध के 30 दरवाजे हैं और हरेक दरवाजे का वजन 450 टन है। हरेक दरवाजे को बंद करने में करीब एक घंटे का समय लगता है।
- नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में से सरदार सरोवर सबसे बड़ी बांध परियोजना है। इसके जरिए 9,000 गांवों को पानी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।