Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Oct, 2019 09:05 AM
डा. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् के एक गांव में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पक्कीर जैनुलआबेदीन अब्दुल कलाम था। उनके परिवार में पांच भाई और पांच बहनें थीं
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डा. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्तूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम् के एक गांव में हुआ था। उनका पूरा नाम अबुल पक्कीर जैनुलआबेदीन अब्दुल कलाम था। उनके परिवार में पांच भाई और पांच बहनें थीं और पिता मछुआरों को बोट किराए पर देकर घर चलाते थे। पिता ज्यादा पढ़े-लिखे तो नहीं थे लेकिन ऊंची सोच वाले व्यक्ति थे। कलाम का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। वह बचपन में सुबह अखबारें बांटने का काम करते थे। बचपन में ही आत्मनिर्भर बनने की तरफ उनका यह पहला कदम था। उनके जीवन में कई चीजों का अभाव था, इसके बावजूद वह आगे बढ़ते रहे। उनके विचारों ने युवाओं को एक नई प्रेरणा दी है।
उन्होंने आरम्भिक शिक्षा रामेश्वरम् में की और सेंट जोसेफ कॉलेज से ग्रैजुएशन किया। इसके बाद मद्रास इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। ‘मिसाइल मैन’ के नाम से प्रसिद्ध डा. अब्दुल कलाम भारतीय मिसाइल प्रोग्राम के जनक कहे जाते हैं। उनकी लिखी पुस्तकें ‘विंग्स ऑफ फायर’, ‘इंडिया 2020’, ‘इग्नाइटेड मांइड’, ‘माई जर्नी’ आदि सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
2002 में राष्ट्रपति बनने के बाद भी उनके दरवाजे सदा आमजन के लिए खुले रहते थे। कई पत्रों का उत्तर तो स्वयं अपने हाथों से लिख कर देते थे। अब्दुल कलाम उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्हें देश के सभी सर्वोच्च पुरस्कार मिले। 1981 में पद्म भूषण, 1990 में पद्म विभूषण, 1997 में भारत रत्न से उन्हें सम्मानित किया गया।
27 जुलाई, 2015 को आई.आई.टी. गुवाहाटी में छात्रों को संबोधित करते समय ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और इस महान विभूति का देहांत हो गया।
प्रेरक वचन
अगर सफल होने का संकल्प मजबूत है तो असफलता हम पर हावी नहीं हो सकती।
दूसरों का आशीर्वाद प्राप्त करो, माता-पिता की सेवा करो, बड़ों का और शिक्षकों का आदर करो। अपने देश से प्रेम करो। इनके बिना जीवन अर्थहीन है।
हम सबके पास एक जैसी प्रतिभा नहीं है लेकिन अपनी प्रतिभाओं को विकसित करने के अवसर सभी के पास बराबर हैं।
दुख सभी के जीवन में आते हैं, दुख के दिनों में सभी के धैर्य की परीक्षा होती है। अगर दुख के समय धैर्य से काम करेंगे तो जल्दी ही बुरा समय दूर हो सकता है।
सरलता और परिश्रम का मार्ग अपनाओ, जो सफलता का एक मात्र रास्ता है।
सपने देखना जरूरी है, लेकिन सपने देखकर ही उसे हासिल नहीं किया जा सकता। सबसे ज्यादा जरूरी है जिंदगी में खुद के लिए कोई लक्ष्य तय करना।