Edited By Tanuja,Updated: 05 Jun, 2018 05:12 PM
वैश्विक स्तर पर हिंदी की अलख जगाने वाले महान साहित्यकार अभिमन्यु अनंत का निधन हो गया । वह 81 वर्ष के थे । मॉरिशस में हिन्दी साहित्य के सम्राट माने जाते अभिमन्यु ने वहीं अंतिम सांस ली।
मॉरिशस: वैश्विक स्तर पर हिंदी की अलख जगाने वाले महान साहित्यकार अभिमन्यु अनत का निधन हो गया । वह 81 वर्ष के थे । मॉरिशस में हिन्दी साहित्य के सम्राट माने जाते अभिमन्यु ने वहीं अंतिम सांस ली। भारत से बाहर हिन्दी को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले अभिमन्यु अनत की मौत से पूरा साहित्य जगत स्तब्ध है।
अभिमन्यु अनत का जन्म 9 अगस्त, 1937 को मॉरिशस के त्रिओले में ही हुआ था। उन्होंने 18 साल तक हिन्दी का अध्यापन किया और 3 वर्षों तक युवा मंत्रालय में 'नाट्य कला विभाग' में नाट्य प्रशिक्षक रहे। अभिमन्यु भले ही मॉरिशस के थे, लेकिन उनका दिल भारतीय था।दरअसल, उनके पूर्वजों को अंग्रेज श्रमिक के रूप में मॉरिशस लेकर गए थे, फिर यहीं इस महान लेखक का जन्म हुआ था।
अभिमन्यु अनत की कविताओं में शोषण, दमन, अत्याचार व बेरोजगारी के खिलाफ आवाज बुलंद की गई है। अभिमन्यु की कविता, कहानी और नाटक तीनों में मजबूत पकड़। इनके प्रसिद्ध कहानी संग्रह में क एक थाली समन्दर, खामोशी के चीत्कार, इंसान और मशीन, वह बीच का आदमी और जब कल आएगा यमराज प्रसिद्ध हैं. नाटकों में विरोध तीन दृश्य, गूंगा इतिहास, रोक दो कान्हा और देख कबीरा हांसी काफी चर्चित हैं। मॉरीशस सरकार अभिमन्यु को 'मॉरीशस के उपन्यास सम्राट' सम्मानित कर चुकी है।