'वुहान सम्मेलन के बाद  भारत-चीन के बीच बढ़ी अंडरस्टैडिंग'

Edited By Tanuja,Updated: 21 May, 2018 11:38 AM

wuhan summit brought greater comprehension of issues between indo china

चीन के भारतीय दूतावास में भारत के महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर की 157वीं जयंती के सिलसिले में एक बैठक को संबोधित करते हुए  भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि पिछले महीने के वुहान सम्मेलन के बाद सामरिक और अति महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत और चीन के...

पेइचिंगः चीन के भारतीय दूतावास में भारत के महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर की 157वीं जयंती के सिलसिले में एक बैठक को संबोधित करते हुए  भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि पिछले महीने के वुहान सम्मेलन के बाद सामरिक और अति महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत और चीन के नेतृत्व के बीच अंडरस्टैडिंग बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के डोकलाम गतिरोध के बीच भारत-चीन संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए अप्रैल में चीन के मध्य शहर वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच अप्रत्याशित 2 दिवसीय ‘दिल से दिल की बात’ सम्मेलन हुआ था। 
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बंबावले ने कहा, 'आज, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनफिंग के बीच वुहान सम्मेलन, जहां दोनों नेताओं ने कई घंटों तक विशेषकर रणनीतिक और समग्र मुद्दों पर दिल से दिल तक बातचीत की थी, के बाद दोनों देशों के नेतृत्व के बीच एक-दूसरे के प्रति व्यापक समझ बनी है।' पिछले साल जब भारत ने डोकलाम में एक सड़क निर्माण का कार्य रुकवा दिया था तब दोनों देशों के सैनिकों के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा था।  उन्होंने कहा कि टैगोर चीन और उसकी प्राचीन सभ्यता के प्रति आकर्षित हुए थे। बंबावाले ने कहा कि टैगोर भारत के उन महान चिंतकों में एक थे जो दुनिया की दो महान सभ्यताओं भारत और चीन के बीच परस्पर तालमेल और सहयोगपरक साझेदारी के फायदे समझते थे।

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