मोदी सरकार व बीजेपी पर हमलावर रहे यशंवत सिंहा के 10 बड़े बयान

Edited By ASHISH KUMAR,Updated: 21 Apr, 2018 04:54 PM

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बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे यशवंत सिंहा ने शनिवार को बीजेपी के सभी पदो से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। जबकि इसी साल फरवरी में यशवंत सिंहा ने ही कहा था कि वो बीजेपी कभी नहीं छोड़ेंगे अगर पार्टी चाहे तो उन्हें निकाल सकती हैं। हालांकि इसके विपरीत हुए...

नेशनल डेस्क: बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिंहा ने शनिवार को पार्टी के सभी पदो से इस्तीफा देने का एलान कर दिया। जबकि इसी साल फरवरी में सिंहा ने ही कहा था कि वो बीजेपी कभी नहीं छोड़ेंगे अगर पार्टी चाहे तो उन्हें निकाल सकती हैं, हालांकि आज घटे इस विपरीत घटनाक्रम से शायद ही कोई संघी अचंभित होगा। जिस तरह से पार्टी आलाकमान ने उन्हें हाशिए पर रखा हुआ था, उससे यह एक दिन होना ही था। उन्होंने कई मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार को सरेआम निशाना बनाया, जबकि उनके वार पर मोदी द्यारा कभी पलटवार नहीं किया गया। यशवंत सिंहा व बीजेपी आलाकमान के बीच कलह खुल कर उसी समय से सामने आ गई थी, जब मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में सिंहा कोई कुर्सी नहीं दी थी। जिससे यह रार रोज बढ़ती गई और आज उसका परिणाम इस रूप में सामने आया।


यशवंत सिंह के बड़े बयान
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12 साल की नौकरी छोड़ राजनीति में आया
''आज के दिन ये सवाल नहीं है कि मैंने क्या किया ? आज की परिस्थिति पर जो मैंने सवाल उठाए हैं उसका जवाब कोई नहीं दे रहा, जेटली साहब शायद मेरा बैकग्राउंड भूल गए हैं। मैं 12 साल की अपनी आईएएस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में आया था। नौकरी छोड़ने वाला आदमी नौकरी नहीं मांगता।''

राज्यमंत्री बनाया जा रहा था नहीं बना
उन्होंने कहा, ''1989 में वीपी सिंह सरकार में मुझे राज्यमंत्री बनाया जा रहा था लेकिन मुझे नहीं लगा कि मेरे साथ न्याय नहीं हो रहा है। मैं वीपी सिंह सरकार में राज्यमंत्री नहीं बना। उसके बाद चंद्रशेखर सरकार में मंत्री बना। मैंने जेटली की तरह बिना किसी सदन सदस्य बने बिना राज्यमंत्री नहीं बना।''
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मोदी और तुगलक में समानता
सरकार के नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर नोटबंदी को लेकर निशाना साधते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा था कि 14वीं सदी के दिल्ली सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक ने भी 700 साल पहले नोटबंदी की थी। इस विवादित कदम के लिए मोदी की आलोचना करते हुए सिन्हा ने कहा था कि नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 3.75 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।

'अटल-आडवाणी वाली बीजेपी नहीं रही'
यशवंत सिन्हा ने अपने बयान में कहा था कि एक जमाना था जब बीजेपी का कोई भी कार्यकर्ता किसी भी वरिष्ठ नेता से आसानी से मिल लेता था, क्योंकि उस समय अटल और आडवाणी की कार्यशैली बहुत अलग थी। आज वह हालात नहीं रह गए हैं, आज बड़े से बड़ा कार्यकर्ता एक मुलाकात के लिए तरसते रहते हैं।

'हम जिन नीतियों के खिलाफ रहे, आज बीजेपी उसे ही लागू कर रही'
इसके साथ ही सिन्हा ने केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमने 2004 से 2014 तक इन 10 सालों में विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस की जिन नीतियों का घोर विरोध किया आज की सरकार की नीतियों को लागू कर रही है. इसके साथ ही सिन्हा ने भावांतर योजना और प्रदेश में किसानों की हालत पर भी चिंता जाहिर की है.

'आज के सरकार की बुद्धि ज्यादा खुल गई है'
FDI पर उन्होंने कहा था कि मैं 15वी लोकसभा का सदस्य था, तब FDI का हमने ख़ूब विरोध किया था, आज की सरकार की बुद्धि ज्यादा खुल गई है. और कुछ क्षेत्र में सरकार ने 100 प्रतिशत FDI दे दिया. उन्होंने यह भी कहा कि 2004 से 2014 तक UPA के शासन में जिन प्रस्तावों का विरोध किया आज उसे सरकार ने पास किया है।

 

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