अमरनाथ यात्रा 2020: श्रद्धालुओं की सुविधा का रखा जाएगा खास ध्यान, लंगर ऑर्गेनाइजेशन ने रखी ये मांग

Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Feb, 2020 12:42 PM

yatra will be smooth as soon as demands of sablo delegation

मरनाथ यात्रा के दौरान भंडारे लगाने वाली संस्थाओं के संगठन सबलो (श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर्स आर्गेनाइजेशन) ने वर्ष 2008 में भारी विवाद का कारण बने जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल के उस निर्णय को लागू करने की मांग की है, जिसके तहत तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा...

जम्मू(बलराम): अमरनाथ यात्रा के दौरान भंडारे लगाने वाली संस्थाओं के संगठन सबलो (श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर्स आर्गेनाइजेशन) ने वर्ष 2008 में भारी विवाद का कारण बने जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल के उस निर्णय को लागू करने की मांग की है, जिसके तहत तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा यात्रा सुविधाओं के लिए 39.88 हैक्टेयर वन भूमि श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड को हस्तांतरित कर दी गई थी। अध्यक्ष विजय ठाकुर एवं महासचिव राजन गुप्ता के नेतृत्व में सबलो के प्रतिनिधिमंडल ने विगत दिनों मुलाकात कर कई अहम मांगों को श्राइन बोर्ड के चेयरमैन एवं जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल जी.सी. मुर्मू के समक्ष उठाया। 

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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में सरकार के इस निर्णय को लेकर जम्मू क्षेत्र एवं कश्मीर घाटी में भारी आंदोलन हुआ था और सरकार द्वारा यह निर्णय लागू न करने पर जम्मू में 62 दिन तक जनआंदोलन चला था जिसमें कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। सबलो अध्यक्ष विजय ठाकुर व महासचिव राजन गुप्ता ने कहा कि 2008 में अलगाववादी संगठन हुर्रियत कांफ्रैंस के विरोध के चलते तत्कालीन मंत्रिमंडल द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए इस निर्णय को लागू नहीं किया जा सका था, लेकिन अनुच्छेद 370 के विवादित अंश एवं 35-ए हटने के बाद बदली परिस्थितियों में उप-राज्यपाल को इस निर्णय को लागू कर देना चाहिए। बोर्ड को वन भूमि हस्तांतरित किए जाने से श्री अमरनाथ यात्रा क्षेत्र में शिवभक्तों के लिए स्थायी रात्रि विश्रामगृह, शौचालय, स्नानघर, चिकित्सा केंद्र निर्माण आदि ढांचागत विकास करने में आसानी होगी।

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भंडारा संचालकों को दी जाए जमीन
सबलो के अध्यक्ष विजय ठाकुर एवं महासचिव राजन गुप्ता ने उप-राज्यपाल जी.सी. मुर्मू से श्री अमरनाथ यात्रा के आधार शिविरों एवं मार्ग शिविरों पर भंडारा संचालकों को जमीन अलॉट करने अथवा सबसिडाइज्ड रेट पर बेचने की मांग की, ताकि वे भंडारों का समुचित संचालन करने के लिए इस भूखंड पर अस्थायी या स्थायी निर्माण कर समय एवं धनराशि की बचत कर सकें। उनका कहना था कि जम्मू-कश्मीर में पहले अनुच्छेद 370 एवं 35-ए लागू होने के कारण ऐसा कर पाना संभव नहीं था, लेकिन अब इस मामले में कोई अड़चन नहीं है। 

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पवित्र गुफा से हटाई जाए ग्रिल
सबलो प्रतिनिधिमंडल ने उप-राज्यपाल से आग्रह किया कि यात्रा के दौरान पवित्र श्री अमरनाथ गुफा के सामने लगी ग्रिल हटा दी जानी चाहिए, ताकि शिवभक्त अच्छी तरह हिमशिवलिंग के रूप में शोभायमान बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकें। उनका कहना था कि मौसम और दुर्गम मार्ग की तमाम अड़चनों को पार करके जब श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पवित्र गुफा पहुंचते हैं तो ग्रिल लगी होने के कारण स्पष्ट तौर पर बाबा के दर्शन नहीं कर पाते और खुद को ठगा-सा महसूस करते हैं।  

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30 दिन तक सीमित की जाए यात्रा
सबलो प्रतिनिधिमंडल ने उप-राज्यपाल से आग्रह किया कि श्री अमरनाथ यात्रा को 30 दिन तक सीमित कर देना चाहिए। विशेष तौर पर पहलगाम यात्रा मार्ग पर भारी बर्फबारी के कारण निर्धारित तिथि पर यात्रा शुरू होने में कठिनाई आती है। इसके अलावा सबलो प्रतिनिधिमंडल ने कुछ भंडारा संचालकों के खिलाफ बोर्ड द्वारा जारी आदेशों को भी वापस लेने की मांग की।

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