Edited By Anil dev,Updated: 18 May, 2018 10:48 AM
येदियुरप्पा ने गुरुवार को जिस तरह शपथ ली वह पहली घटना नहीं है। इससे पहले खुद येदियुरप्पा 2007 में एक हफ्ते तक मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं। भारतीय इतिहास में कुछ अन्य भी उदाहरण हैं।
नई दिल्ली: येदियुरप्पा ने गुरुवार को जिस तरह शपथ ली वह पहली घटना नहीं है। इससे पहले खुद येदियुरप्पा 2007 में एक हफ्ते तक मुख्यमंत्री पद पर रह चुके हैं। भारतीय इतिहास में कुछ अन्य भी उदाहरण हैं।
जगदंबिका पाल (दो दिन)
21 फरवरी 1998 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन रा’यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद बिना पर्याप्त विधायकों के समर्थन के ही कांग्रेसी विधायक जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। अगले दिन हाईकोर्ट ने राज्यपाल के आदेश पर रोक लगा दिया। सदन में जगदंबिका पाल अपना बहुमत साबित नही कर पाये और उन्हें 48 घंटे के अंदर ही पद से हटना पड़ा।
सतीश प्रसाद सिंह (सात दिन)
देश के इतिहास में सबसे कम उम्र में सतीश प्रसाद सिंह ने 27 जनवरी 1968 को बिहार में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें उस समय कांग्रेसी मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद सिन्हा के खिलाफ विधायकों की बगावत के बाद तब तक के लिए मुख्यमंत्री बने रहने का मौका दिया गया जब तक कि बागियों तथा संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के पसंदीदा उम्मीदवार बीपी मंडल संसद से इस्तीपा देकर एमएलसी नहीं चुन लिये जाते। इस तरह एक हफ्ते में उन्हें मंडल के लिए कुर्सी छोडऩा पड़ा।
जानकी रामचंद्रन (22 दिन)
24 दिसंबर 1987 को जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमजी रामचंद्रन का निधन हुआ तो यह तय नहीं था कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा। पार्टी विधायकों के एक गुट ने उनकी पत्नी के पक्ष में राज्यपाल को समर्थन पत्र भेज दिया। दूसरी ओर एमजीआर की निकट सहयोगी जयललिता भी उत्तराधिकार के लिए दावेदार थीं। रा’यपाल एसएल खुराना ने 7 जनवरी को जानकी रामचंद्रन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी लेकिन वे सदन में बहुमत साबित नहीं कर पायीं और 28 जनवरी को उन्हें पद से हटना पड़ा। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा।