Edited By Seema Sharma,Updated: 20 May, 2018 08:16 AM
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा ने कांग्रेस पर भाजपा सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में बहुमत साबित करने की बजाय इस्तीफा दे दिया। येद्दियुरप्पा ने अढ़ाई दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने विधानसभा में...
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येद्दियुरप्पा ने कांग्रेस पर भाजपा सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में बहुमत साबित करने की बजाय इस्तीफा दे दिया। येद्दियुरप्पा ने अढ़ाई दिन पहले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्होंने विधानसभा में पेश विश्वास मत प्रस्ताव को सदन में कार्रवाई के दौरान आगे नहीं बढ़ाया। कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने येद्दियुरप्पा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। वहीं इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस और जनता दल (एस) के मिलकर सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। राज्यपाल वजुभाई वाला ने येद्दियुरप्पा के इस्तीफा के बाद जद (एस) के एच.डी. कुमारस्वामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया।
इस्तीफा देने के प्रमुख कारण
- गोवा, मणिपुर, मेघालय से सबक लेते हुए कांग्रेस पहली बार इतनी मुस्तैद दिखाई दी कि उसने नतीजे साफ होने से पहले ही जद (एस) को अपने पाले में कर लिया। भाजपा को जोड़-तोड़ का मौका ही नहीं दिया।
- मौजूदा संख्या बल के मुताबिक भाजपा बहुमत पाने की स्थिति में ही नहीं थी।
- सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही गुप्त मतदान पर रोक लगा दी। वहीं विधानसभा में शक्ति परीक्षण की कार्रवाई का सीधा प्रसारण करने का आदेश दिया था। ऐसे में विधायकों के लिए क्रॉस वोटिंग करना मुश्किल हो गया।
विधानसभा की 224 सीटों में 222 सीट के लिए हुए चुनाव में भाजपा को 104 सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस को 78 तथा जनता दल (एस) को 37 सीटें और उसकी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी को एक सीट मिली है। एक सीट निर्दलीय को तथा एक अन्य पार्टी को मिली है। बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों की जरूरत थी लेकिन येद्दियुरप्पा बहुमत जुटाने में असफल रहे और उन्होंने इस्तीफे की घोषणा कर दी।