Edited By Monika Jamwal,Updated: 17 Mar, 2021 09:57 PM
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दोरू-शाहबाद में सेना ने बुधवार को तीन दशक से अधिक समय बाद 19 वीं सदी के प्रसिद्ध शायर रसूल मीर की याद में ''यौम-ए-रसूल मीर'' का आयोजन किया।
अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर): दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के दोरू-शाहबाद में सेना ने बुधवार को तीन दशक से अधिक समय बाद 19 वीं सदी के प्रसिद्ध शायर रसूल मीर की याद में 'यौम-ए-रसूल मीर' का आयोजन किया। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि इससे युवाओं को उनकी जड़ों, संस्कृति तथा कश्मीरियत से जुड़ने और सिर उठाकर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। 19 राष्ट्रीय राइफल्स ने नागरिक प्रशासन की मदद से कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस दौरान लोकप्रिय गायकों, नृतकों तथा नाट्य कलाकारों ने प्रस्तुति दी और 'कश्मीर के जॉन कीट्स' के नाम से मशहूर रसूल मीर के कार्यों को रेखांकित किया।
कार्यक्रम में विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिग मेजर जनरल राशिम बाली ने शिकरत की। मेजर जनरल बाली ने कार्यक्रम में काफी लोगों के एकत्रित होने पर प्रसन्नता प्रकट की। उन्होंने कहा, 'रसूल मीर कश्मीर के महान शायर थे और उन्हें 'इमाम-ए-इश्कियां शायरी' (प्रेम पर आधारित शायरी का दिग्गज) कहा जाता है। आज के दिन यहां (दूरु) में कार्यक्रम आयोजित किये जाते थे, लेकिन आतंकवाद के पैर पसारने के चलते वह परंपरा रुक गई थी।'