Edited By Yaspal,Updated: 18 Jul, 2020 07:31 PM
पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते पिछले 4 महीनों से स्कूल कॉलेज बंद हैं। इसकी वजह से स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज चलाई जा रही हैं। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का हो रहा है। क्योंकि ऐसे इलाकों में कनेक्टविटी एक...
नेशनल डेस्कः पूरे देश में कोरोना महामारी के चलते पिछले 4 महीनों से स्कूल कॉलेज बंद हैं। इसकी वजह से स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज चलाई जा रही हैं। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का हो रहा है। क्योंकि ऐसे इलाकों में कनेक्टविटी एक बड़ी समस्या है। हालांकि सरकार इस बात की पूरी कोशिश कर रही है कि ऐसी विषम परिस्थिति में भी छात्रों को किसी भी तरह से शिक्षा दी जा सके और उनकी पढ़ाई बाधित न हो। इसके लिए टीवी और रेडियो के जरिए भी छात्रों को पढ़ाने की कोशिश हो रही है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि कहीं न कहीं ऑनलाइन शिक्षा पर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए था उतना नहीं दिया गया।
छात्र नवोदय विद्यालय में पढ़ता है
ऐसे में राजस्थान का एक छात्र ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए रोज़ पहाड़ की चढ़ाई चढ़ता है ताकि उसे ऑनलाइन क्लास पढ़ने के लिए बेहतर नेटवर्क मिल सके। हरीश नाम का यह छात्र नवोदय विद्यालय का छात्र है और बाड़मेर के दरूरा गांव का रहने वाला है। पिछले करीब डेढ़ महीने से हरीश रोज़ सुबह 8 बजे पहाड़ पर चढ़ता है और दोपहर 2 बजे क्लास खत्म होने के बाद नीचे उतरता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी अभी भी कम है
यह पहला मामला नहीं है जब ऐसा हुआ है इससे पहले भी खबरें आ चुकी है जब छात्र को नेटवर्क की तलाश में पेड़ पर चढ़ना पड़ता था। सरकारी आंकड़े के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में अभी केवल 15 फीसदी छात्रों के पास ऑनलाइन क्लास अटेंड करने के लिए डिजिटल मीडियम उपलब्ध है। अब इस बदले हुए परिवेश में ऑनलाइन डेटा और स्पीड को और बेहतर बनाने की जरूरत है खासकर ग्रामीण भारत में।