'आप अपनी जान छुड़ाकर भागेंगे...', जल्द सुनवाई की बार-बार अपील से नाराज हुए CJI, वकील से कही ये बात

Edited By Yaspal,Updated: 07 Aug, 2024 06:05 AM

you will run away to save your life cji got angry

शिवसेना के विधायकों को अयोग्य करार देने से संबंधित मामले की जल्द सुनवाई के लिए एक वकील के बार-बार आग्रह करने से नाराज प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने उनसे कहा, “एक दिन के लिए यहां बैठिए। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं

नई दिल्लीः शिवसेना के विधायकों को अयोग्य करार देने से संबंधित मामले की जल्द सुनवाई के लिए एक वकील के बार-बार आग्रह करने से नाराज प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने उनसे कहा, “एक दिन के लिए यहां बैठिए। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आप अपनी जान छुड़ाकर भागेंगे।” चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ महाराष्ट्र के राजनीतिक विवादों से संबंधित दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई की तारीखें तय कर रही थी। उद्धव ठाकरे गुट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें जून 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘‘असली राजनीतिक दल'' घोषित किया गया है।

दूसरी याचिका राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार गुट द्वारा दायर की गई है, जिसमें नार्वेकर के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट को असली राकांपा घोषित किया गया था। हाल में, शीर्ष अदालत ने शरद पवार गुट की याचिका पर अजित पवार और उनके 40 विधायकों को नोटिस जारी किया था। शुरुआत में, चीफ जस्टिस ने कहा कि शिवसेना के मामले में दलीलें पूरी हो चुकी हैं।

एनसीपी से जुड़े विवाद मामले को सूचीबद्ध करते समय पीठ ने अजित पवार गुट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एन. के. कौल की इस दलील पर गौर किया कि शरद पवार समूह की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने अंततः अजित पवार गुट और उसके 40 विधायकों को जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया तथा कहा कि इसके बाद याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

इस बीच, उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश हुए एक वकील ने नजदीक की तारीख देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव करीब हैं और मामले को जल्द सूचीबद्ध किया जाना चाहिए। वकील ने कहा कि दस्तावेजों का संकलन दो-तीन दिनों में तैयार किया जा सकता है। सीजेआई ने कहा, “कृपया न्यायालय को आदेश न दें।” उन्होंने कहा, “आप एक दिन के लिए यहां आकर क्यों नहीं बैठते और कोर्ट मास्टर को बता देते कि आपको कौन सी तारीख चाहिए। आप देख सकते हैं कि अदालत पर काम का कितना बोझ है...कृपया एक दिन के लिए यहां आकर बैठिए। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि आप अपनी जान छुड़ाकर भागेंगे!”

 

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