आतंकी संगठनों को युवाओं का मुंहतोड़ जवाब, 15 युवाओं ने छोड़ा आतंक का रास्ता

Edited By Monika Jamwal,Updated: 28 Aug, 2018 06:00 PM

youth shun militancy in kashmir

पिछले कुछ समय में कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में कमी के संकेत मिले हैं।

श्रीनगर : पिछले कुछ समय में कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों में कमी के संकेत मिले हैं। दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों से 15 युवाओं ने इस दिशा में आतंक का रास्ता छोड़ मुख्यधारा से जुडक़र नई जिंदगी की शुरुआत करने का फैसला लिया है। युवाओं के इस फैसले से आतंकी संगठनों को झटका लगा है। युवाओं के इस कदम से आतंकी संगठनों का नैतिक बल कमजोर हुआ है।

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पुलिस महानिरीक्षक (आई.जी.) कश्मीर एस.पी. पाणी का कहना है कि आतंकी घटनाओं को अगर समग्र रूप से देखा जाए तो दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित इलाकों में आतंकी हिंसा में कमी आई है। दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। लेकिन सोशल मीडिया और शरारती तत्वों के दुष्प्रचार से गुमराह होकर युवक आतंकी संगठनों में जाते हैं। हम उन्हें आतंकवाद के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए कई कदम उठा रहे हैं। जरूरत पडऩे पर सोशल मीडिया पर भी सख्ती से नजर रखने का काम किया जाएगा।

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घाटी में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जो युवा आतंक की राह छोडक़र मुख्यधारा से जुडऩा चाहेंगे हम उन्हें काउंसलिंग की सुविधा भी प्रदान करेंगे। ताकि तेजी से मुख्यधारा का हिस्सा बनकर बेहतर जिंदगी जी सकें। एक अधिकारी ने बताया कि हंदवाड़ा में पिछले दिनों पकड़े गए अल बदर के चार युवकों के बारे में उन्होंने कहा कि यह युवक गुलाम कश्मीर की तरफ जा रहे थे। चारों से पूछताछ की जा रही है। हम इन्हें पर्याप्त काउंसलिंग प्रदान करेंगे। उम्मीद है कि यह लडक़े अपनी भूल सुधार कर एक बार फिर सामान्य रूप से अपनी जिंदगी बेहतर बनाने की दिशा में अग्रसर होंगे। 


PunjabKesariपाणी ने इस बात का दावा किया है। उन्होंने बताया है कि दक्षिण कश्मीर में कुछ महीनों के दौरान 15 युवकों ने आतंकवाद का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में शामिल होकर एक नई जिंदगी शुरू की है। आईजी कश्मीर का बयान उस समय आया है जब दक्षिण कश्मीर आतंकियों की नर्सरी के रूप में कुख्यात होता जा रहा है। इस वर्ष कश्मीर घाटी में अब तक 131 लडक़े आतंकी बने हैं। उन्होंने कहा कि यह सही है कि कश्मीर में कुछ वर्षो में आतंकी संगठनों में स्थानीय लडक़ों की भागीदारी बढ़ी है, लेकिन कुछ महीनों में हम दक्षिण कश्मीर में 15 लडक़ों को उनके परिजनों और दोस्तों की मदद से तबाही के रास्ते से वापस लाने में कामयाब रहे हैं। इन लडक़ों ने आतंकवाद से नाता तोड़ मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है। राज्य पुलिस इन युवकों के पुनर्वास के लिए हर संभव सहयोग कर रही है। शासन और प्रशासन के सहयोग से अब यही युवा सभी के सामने नई मिसाल पेश करेंगे।

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