Edited By Seema Sharma,Updated: 31 Jul, 2019 12:39 PM
नरेंद्र मोदी सरकार को मिली एक बड़ी सफलता के तहत मंगलवार को संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा को अपराध मानने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार को मिली एक बड़ी सफलता के तहत मंगलवार को संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा को अपराध मानने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंजूरी दे दी। राज्यसभा में बीजद के समर्थन तथा सत्तारूढ़ राजग के घटक जद(यू) एवं अन्नाद्रमुक के वाक आउट के चलते सरकार उच्च सदन में इस विवादास्पद विधेयक को पास कराने में सफल हो गई। अब इसे कानून की शक्ल लेने के लिए केवल राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार है। वहीं इसी बीच मुस्लिम संगठन इसका विरोध कर रहा है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के संयोजक जफरयाब जिलानी ने इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करने का ऐलान किया है।
जिलानी ने कहा कि बोर्ड की बैठक में सुप्रीम कोर्ट में अपील पर आखिरी फैसला लिया जाएगा। जिलानी ने कहा कि सदन में बिल पास होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि यह हमें स्वीकार्य नहीं है। वहीं इस बिल के पास होते ही देश भर में मुस्लिम महिलाओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। वहीं कई महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करने भी पहुंचीं। बता दें तीन तलाक बिल पहले लोकसभा में पास हुआ और उसके बाद राज्यसभा में भी पास हो गया। इस बिल के तहत तीन तलाक का अपराध सिद्ध होने पर पति को तीन साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है।