Edited By pooja,Updated: 15 Jun, 2018 09:38 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को यूपीएससी में बिना परीक्षा के ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर 10 मंत्रालयों में प्राइवेट सेक्टर से सीधे नियुक्ति करने का रास्ता खोलने के खिलाफ
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रविवार को यूपीएससी में बिना परीक्षा के ज्वाइंट सेक्रेटरी पद पर 10 मंत्रालयों में प्राइवेट सेक्टर से सीधे नियुक्ति करने का रास्ता खोलने के खिलाफ जंतर-मंतर पर आइसा के सदस्यों ने रोजगार मांगे इंडिया जैसे नारे लगाकर केंद्र के खिलाफ वीरवार को प्रदर्शन किया।
हाथ में तख्ती लिए खड़े छात्र-छात्राओं में गीता ने कहा कि पीएम मोदी के नए मसौदे में ये कहा गया है कि मल्टी नेशनल कंपनी में आप कार्यरत हैं या फिर किसी कॉरपोरेट घराने में डेढ़ दशक का अनुभव रखते हैं तो आप भारत सरकार क ी प्रशासनिक सेवा में ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद योग्य हैं। ये संविधान के आर्टिकल 315 से 323 के खिलाफ है जिसमें साफ लिखा है कि ये पद यूपीएससी की स्क्रीनिंग द्वारा ही भरे जाएंगे। इस तरह के पद भरने के लिए लाया गया नियम उन अभ्यर्थियों को अनुचित मदद पहुंचा सकता है जो रू लिंग पार्टी के खास हैं।
दूसरी बात ये हैं कि नई घोषणा के बाद इन पदों पर भरने के लिए किसी भी तरह के रिजर्वेशन का पालन नहीं होगा। यूपीएससी ने तो पहले ही इस वर्ष निकाले गए आवेदनों में पोस्टों की संख्या कम कर रखी है। 2014 में यूपीएससी की सीटों की संख्या जहां 1291 थी वहीं अब घटकर 781 रह गई है। 40 फीसदी सीटों को कट किया गया है। केंद्र सरकार का सीधा अर्थ ये है कि इस नए नियम से वो मनमानी नियुक्तियां करके प्रशासनिक सेवा में यूपीएससी के बनाए इंस्टीट्यूशनल ढ़ांचे को ध्वस्त करना है।