दिल्ली: Unlock 3 में भी इंटरस्टेट बसों पर जारी रहेगा प्रतिबंध, DDMA ने परिवहन विभाग को दिया ये निर्देश

Edited By Kamini Bisht,Updated: 10 Aug, 2020 08:50 AM

delhi no entry interstate buses transport department proposal to ddma

दिल्ली में बाहरी राज्यों से आने वाली बसों की एंट्री पर रोक जारी रहेगी। अनलॉक 3 में इंटरेस्टेट बसों के परिचालन को लेकर परिवहन विभाग द्वारा भेजे प्रस्ताव पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण...

नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली में बाहरी राज्यों से आने वाली बसों की एंट्री पर रोक जारी रहेगी। अनलॉक 3 में इंटरेस्टेट बसों के परिचालन को लेकर परिवहन विभाग द्वारा भेजे प्रस्ताव पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोई फैसला नहीं लिया है। हालांकि DDMA ने परिवहन विभाग के इस से इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार करने के लिए कहा है। फिलहाल बाहरी राज्यों की बसों की एंट्री दिल्ली में 15 से 20 दिन के बाद ही हो सकेगी। 

बता दें कि लॉकडाउन से पहले कश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खां आईएसबीटी में रोजाना करीब 30,0000 यात्रियों की आवाजाही होती थी और रोजाना लगभग 3500 बसे इन आईएसबीटी पर बाहरी राज्यों से आती थी। सूत्र बताते हैं कि राजस्थान ने अपनी बसों की दिल्ली में एंट्री को मंजूरी देने की मांग की थी। इस पर परिवहन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर फाइल दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में इस पर निर्णय लेने के लिए भेजा था, लेकिन डीडीए मैंने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। अलबत्ता परिवहन विभाग को इंटरेस्टेट बसों के परिचालन के लिए फुलप्रूफ एसओपी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। 

इंटरेस्टेट बसों के लिए एसओपी बनाए जाने के निर्देश
बता दें कि अनलॉक की प्रक्रिया में केंद्र ने इंटरेस्टेट बसों के परिचालन की अनुमति दी है। हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजस्थान सहित सभी को इंटरस्टेट बसों की दिल्ली में अभी एंट्री नहीं देने की जानकारी दी गई है। सभी का यही मानना है कि बड़ी मुश्किल से दिल्ली में कोरोना पर नियंत्रण पाया गया है। ऐसे में भी इंटरेस्टेट बसों के परिचालन की अनुमति देना उचित नहीं है।यही वजह है कि डीडीए में द्वारा इसके लिए एसओपी बनाए जाने के निर्देश के बाद भी अभी इसे लेकर कोई सुगबुगाहट नहीं दिखाई दे रही है।

इंटरेस्टेट बसों के परिचालन पर विचार
इंटरेस्टेट बस यात्रियों का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश और हरियाणा का है। लॉकडाउन से पहले रोजाना करीब 1519 बसे उत्तर प्रदेश से आती थी जबकि हरियाणा से 757 बसें से आती थी। बाकी अन्य राज्यों से होती थी। परिवहन विभाग के स्पेशल कमिश्नर केके दहिया के अनुसार यह सरकार का नीतिगत मामला है और इंटरेस्टेट बसों के परिचालन पर विचार किया जा सकता है। फिलहाल मेट्रो और लोकल ट्रेनों के साथ इंटरेस्टेट बसों के बंद होने से ऐसे लोगों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है जो रहने वाले दिल्ली से सटे हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जिलों के हैं लेकिन काम दिल्ली में करते हैं। इनमें से ज्यादातर पानीपत, सोनीपत, झज्जर, फरीदाबाद, नोएडा जिले के रहने वाले हैं। 

 

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