Edited By rajesh kumar,Updated: 06 Aug, 2020 05:18 PM
कोविड-19 की मार झेल रहे दिल्ली के निजी बस परिचालकों ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली की सरकार से कर आदि में राहत की मांग की है। बस परिचालकों के संगठन का कहना है कि उनके 65 से 70 प्रतिशत वाहन अब भी खड़े हुए हैं।
नई दिल्ली: कोविड-19 की मार झेल रहे दिल्ली के निजी बस परिचालकों ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली की सरकार से कर आदि में राहत की मांग की है। बस परिचालकों के संगठन का कहना है कि उनके 65 से 70 प्रतिशत वाहन अब भी खड़े हुए हैं।
कर में राहत दे सरकार
दिल्ली कॉन्ट्रैक्ट बस एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस संबंध में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को पत्र लिखा। संगठन का दावा है कि उनके कारोबार की पूरी प्रणाली ध्वस्त होने के जोखिम का सामना कर रही है। संगठन ने सरकार से इस साल अप्रैल से दिसंबर तक के लिए सड़क कर से राहत की मांग की है। यह संगठन अनुबंध पर स्कूलों के एवं कार्यालयों के लिए चलते वाली बसों और अखिल भारतीय पर्यटक परमिट पर चलने वाली बसों का प्रतिनिधित्व करता है।
कारोबार प्रभावित
एसोसिएशन के महासचिव हरीश सब्बरवाल ने कहा बस परिचालक भारी वित्तीय दबाव का सामना कर रहे हैं। उनके करीब 65 से 70 प्रतिशत वाहन अब भी खड़े हैं। इस संकट के समय में उनका कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है, वहीं कर्मचारियों के वेतन, कर और वाहनों की मासिक किस्त से उन पर और बोझ पड़ा है। उन्होंने कहा कि मांग कम होने के चलते उनका परिचालन आर्थिक रूप से अव्यवहारिक बनता जा रहा है। ऐसे में उनके लिए वाहनों पर अप्रैल से बकाया कर का भुगतान करना और कठिन हो गया है। ऐसे में संगठन ने दिल्ली सरकार से इस मुश्किल समय में बहुत जरूरी मदद देने की गुहार लगायी है और इस संबंध में परिवहन विभाग को आवश्यक निर्देश देने का आग्रह किया है।