Edited By Kamini Bisht,Updated: 10 Oct, 2020 01:15 PM
दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। अब एक पेड़ काटने के बदले 10 पौधे तो लगाने ही होंगे। इसके अलावा उसमें से 80% पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करना होगा...
नई दिल्ली/ डेस्क। दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी को मंजूरी दे दी है। अब एक पेड़ काटने के बदले 10 पौधे तो लगाने ही होंगे। इसके अलावा उसमें से 80% पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करना होगा। सरकार पेड़ों का ट्रांसप्लांटेशन करने वाली एजेंसी का एक पैनल बनाएगी और संबंधित विभाग इनमें से किसी एजेंसी से काम करा सकते हैं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई दिल्ली कैबिनेट की बैठक में इस आशय का निर्णय लिए गए। दिल्ली देश में पहला प्रदेश है जहां ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी लागू की गई है। बाद में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऑनलाइन प्रेस वार्ता में कहा कि ट्रांसप्लांटेशन किए गए पेड़ों में से 80% से कम जीवित होने पर उस एजेंसी के भुगतान में कटौती की जाएगी और 80% से ज्यादा जीवित होने पर भुगतान पूरा किया जाएगा।
दिल्ली सरकार डेडीकेटेड ट्री ट्रांसप्लांटेशन सेल और स्थानीय कमेटी बना रही है। स्थानीय कमेटी ट्रांसप्लांट हुए पेड़ों की जांच और निगरानी करने के साथ सही ट्रांसप्लांटेशन होने पर प्रमाण पत्र देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बहुत घने पेड़ हैं बहुत पुराने और बड़े पेड़ है यह प्रकृति का आशीर्वाद है। दिल्ली बहुत पुराना शहर है इसीलिए यहां पहले से बहुत सारे पेड़ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार और दिल्ली वालों की यही कोशिश रहती है कि किसी भी पेड़ को किसी तरह का नुकसान नहीं होना चाहिए, लेकिन कई बार कोई बिल्डिंग बनानी पड़ती है, कोई विकास कार्य होता है, सड़क बनानी पड़ती है, विकास कार्य के लिए कई बार पेड़ काटने को मजबूर होना पड़ता है।
अभी तक पॉलिसी यह थी कि अगर एक पेड़ कटेगा तो उसके बदले क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 पौधे लगाए जाएंगे। जिससे पेड़ को काटा गया वह पेड़ तो काफी बड़ा था। वह कई साल पुराना था। प्रकृति ने उसे कितना संजोकर इतना बड़ा बनाया था और हम सिर्फ छोटे छोटे पौधे लगा देते हैं। इससे बात नहीं बनती है। वह 10 पौधे पता नहीं कितने समय बाद पेड़ होंगे इसीलिए हमने ट्री ट्रांसप्लांटेशन के तहत अगर पेड़ कटेगा तो क्षतिपूर्ति के तौर पर 10 पौधे को लगाने ही लगाने हैं। उसके अतिरिक्त उस पेड़ को काटना नहीं है, बल्कि किसी दूसरी जगह शिफ्ट करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विज्ञान इतनी तरक्की कर चुका है कि उस पेड़ को नीचे से खोदकर पूरे के पूरे पेड़ को उठाकर ट्रक में डालकर दूसरी जगह आरोपित किया जा सकता है। उस पेड़ को काटने की जरूरत नहीं है बल्कि उसके नीचे से वैज्ञानिक तरीके से उखाड़कर और केमिकल का इस्तेमाल करके ट्रक में डालकर उसको दूसरी जगह लगाया जाएगा।