Edited By Chandan,Updated: 28 Jan, 2021 02:27 PM
राजस्थान में कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आने वाली है। यहां राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से 3 विधानसभी सीटें और खाली हो गई है। वहीं बता दें पिछले माह राज्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल और विधायक कैलाश...
जयपुर/ब्यरो। राजस्थान में कांग्रेस के लिए एक बड़ी चुनौती सामने आने वाली है। यहां राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा सीटों में से 3 विधानसभी सीटें और खाली हो गई है। वहीं बता दें पिछले माह राज्य में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल और विधायक कैलाश त्रिवेदी की मौत हुई थी। वहीं इससे पहले एक और विधायक की मौत हुई थी। जिससे इस तरह के हालात बन गए हैं। बता दें कांग्रेस ने इसके लिए कमर कस ली है पार्टी इन चुनावों को गहलोत सरकार के रिपोर्ट कार्ड के तौर पर ले रही है।
30 मंत्री चुने जा सकते हैं
बता दें मेघवाल के निधन के बाद गहलोत सरकार में 21 सदस्य रह गए हैं, वहीं विधानसभा की सीटों के हिसाब से गणित लगाया जाए तो अभी राज्य में कांग्रेस कम से कम 30 मंत्री चुन सकती है ऐसे में पार्टी को और राहत मिली है। पार्टी के लिए यह चुनौती है कि अब वह किसको क्या सीट दें, पार्टी के लिए अभी मंत्रियों को चुनना आसान नहीं है। बता दें सचिन पायलट के विरोध के बाद अब राजस्थान कांग्रेस पार्टी की कमान अशोक गहलोत के हाथ में है।
कांग्रेस 2 साल पूरे करने जा रही
बताया जा रहा है जल्द ही दो साल का कार्यकाल कांग्रेस पूरा करने जा रही है। पार्टी आने वाले विधानसभा चुनावों को गंभीरता से ले रही है ताकि अपना रिपोर्ट कार्ड के तौर पर माना जा सके। पार्टी अगर जीतती है तो यह माना जाएगा कांग्रेस के काम से राज्य की जनता खुश है और अगर पार्टी को राज्य में सीटें नहीं मिलती है तो विपक्ष इसे गहलोत सरकार की नाकामी करार देने वाला है।
मुख्यमंत्री करेंगे उम्मीदवार का चयन
इन उपचुनावों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद गंभीरता से लेते हुए पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं। अशोक गहलोत ही तय करेगें की खाली होने वाली इन विधानसभा सीटों पर किस उम्मीदवार को सीट दी जाए और जीत सुनिश्चित की जाए। पार्टी ने इसके लिए एक कमेटी बनाई है जो इस बात का निर्णय करेगी।