स्तनपान के बाद ब्रेस्ट को शेप में लाने के 6 तरीके

Edited By ,Updated: 03 Sep, 2015 11:44 AM

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प्रेंग्नेंसी के बाद महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं।

प्रेंग्नेंसी के बाद महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित हिस्‍से योनि और स्‍तन ही होते हैं। पूरी प्रजनन प्रक्रिया में स्‍तनों में काफी दर्द होता है, प्रसव के बाद उसके आकार भी सामान्य से बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि  शरीर, स्‍तनों को तैयार कर देते हैं ताकि बच्‍चा उनसे स्‍तनपान कर सकें।

बहुत सारी महिलाओं को ब्रेस्‍टफीडिंग के बाद ब्रेस्‍ट के आकार को लेकर काफी समस्‍याएं होती हैं जबकि कइयों को कोई परेशानी नहीं रहती। वैसे, स्‍तनों को वापस उसी आकार में लाने के कई तरीके हैं जो कि निम्‍न हैं:

1. सही खुराक: सही खुराक खाने से शरीर में अपने आप कसाव आ जाता है लेकिन कई महिलाओं का शरीर प्रसव होने के बाद अचानक ढीला पड़ जाता है क्योंकि वह सही खुराक नहीं लेती। सही खुराक लेने से स्‍तनों पर भी स्‍ट्रेच मार्क नहीं पड़ते है। प्रतिदिन अंडे का सेवन करें, हरी सब्जियां खाएं और सूप पिएं।

2. सही समय पर छुड़वा दें स्तनपानः बच्‍चे के अधिक समय तक स्‍तनपान करने से मां और बच्‍चे, दोनों को समस्‍या होती है। बच्चे को आदत और मां की ब्रेस्ट आकार खराब हो जाता है। बच्‍चे के आठ महीने होते ही उसे स्‍तनपान कराना कम कर दें क्‍योंकि तब तक उसे दाल का पानी दिया जाने लगता है और वह अन्‍य चीजें भी खाना शुरू कर देता है। 

3.फीडिंग के दौरान ब्रेस्‍ट पकड़ें: जब भी बच्‍चे को स्‍तनपान करवाएं, अपने स्‍तनों को सपोर्ट दें, इससे उनमें ढीलापन नहीं आएगा और कसाव वापस आने में दिक्‍कत नहीं होगी। 

4. ब्रेस्‍ट लिफ्ट: जिन महिलाओं की स्‍तन की त्‍वचा एक दम से लटक जाती है और बेजान सी हो जाती है उनके लिए ब्रेस्‍ट सर्जरी एक अच्‍छा उपाय है। इस सर्जरी में ब्रेस्‍ट के एक्‍ट्रा टिश्‍यू को काटकर निकाल दिया जाता है और मेडीशन देकर उन्‍हे सही कर दिया जाता है, यह प्रक्रिया पूरी तरह सुरक्षित है। इस सर्जरी से निप्‍पल का आकार भी छोटा किया जा सकता है।

5. ब्रेस्‍ट इम्‍प्‍लांट: कुछ मामलों में महिलाओं के स्‍तनों में सिकुड़न आ जाती है और इसे सियुडोप्‍टोसिस कहा जाता है, जिसमें स्‍तनों में मुर्झायापन सा आ जाता है। ऐसी स्थिति में ब्रेस्‍ट इम्‍प्‍लांट सर्जरी की जाती है जो पूरी तरह सुरक्षित होती है।

6. लाइपो-फिलिंग: इस सर्जरी में स्‍तनों में एक प्रकार का इंजैक्‍शन देकर स्‍तनों के फैट टिश्‍यू को हटा दिया जाता है। इससे स्‍तनों में वापस वही कसाव आ जाता है।  याद रखें कि सर्जरी के बाद स्‍तनपान नहीं करवाना होता है। बच्‍चे होने के बाद ही कॉस्‍मेटिक सर्जरी करवाएं।

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