देश भर में जल्द लागू होगा होटलों की तरह ग्रीन कोड

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jun, 2018 12:14 PM

green code like hotels will be implemented soon

आने वाले दिनों में होटलों की तरह रिहायशी भवनों के लिए भी स्टार रेटिंग होगी। इससे भवन की खूबियों और सुविधाओं को एक नजर में परखा जा सकेगा।

बिजनेस डेस्कः आने वाले दिनों में होटलों की तरह रिहायशी भवनों के लिए भी स्टार रेटिंग होगी। इससे भवन की खूबियों और सुविधाओं को एक नजर में परखा जा सकेगा। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) दुनिया के कई विकसित देशों की तर्ज पर ग्रीन कोड लाकर घरों के लिए यह व्यवस्था जल्द लागू करेगा, जिसका एक मकसद भवन की उचित संरचना से बिजली बचाना और प्रकृति को हो रहे नुकसान में कमी लाना है। 

देश में आवासीय भवन की अलग बनावट से जुड़ा यह कोड एक अनूठी पहल है। ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर समेत कई देशों में लागू ग्रीन कोड भारत में पहली बार लागू होगा। अब तक यह सिर्फ होटल के लिए मानक निर्धारित किए जाने तक सीमित था, जबकि अब भवनों के अंदरूनी बनावट का एक मानक भी होगा।

यह भवन के डिजाइन और मौसम के प्रभाव के तालमेल से बिजली उपकरणों से होने वाली खपत को कम करने का तरीका होगा। गर्मी, उमस, प्रदूषण, ठंड और बारिश समेत तमाम प्राकृतिक पहलुओं को ध्यान में रखकर घरों की संरचना की जाएगी। इसका प्रभाव स्टार रेटिंग वाले भवन में प्रवेश करने के साथ ही होगा। 

अगले दो माह में होगा जारी 
बीईई के एक अधिकारी के मुताबिक, कोड की तैयारी अंतिम चरण में है। इसके बाद राज्यों, विशेषज्ञों और अन्य हिस्सेदारों से चर्चा की जाएगी। उम्मीद है कि अगले दो माह में इसे जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल उसी तरह से होगा, जैसा होटल की स्टार रेटिंग के आधार पर उसकी खूबियां तय होती हैं। 

उसी तरह किसी भवन, निजी आवास या फ्लैट के लिए तय होगी। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इसमें तमाम सुविधाएं रेटिंग के आधार होंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना यानी सस्ते घरों की योजना में भी इसे लागू किया जाएगा।
 

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