प्रॉपर्टी टैक्स की फाइलें गुम, लापरवाह निगम कर्मचारी होंगे सम्मानित, पार्षदों का विरोध

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Apr, 2019 02:12 PM

property tax files missing carefree corporation employees will be honored

नगर निगम की गृहकर शाखा एक बार फिर चर्चाओं में है। प्रॉपर्टी टैक्स की फाइलें गुम होने से और रिकॉर्ड में खामियां होने पर लोग शिकायतें कर रहे है। वहीं अब प्रशासन करीब 20 ऐसे कर्मचारियों को 2-2 हजार रुपए की राशि देकर

हिसार: नगर निगम की गृहकर शाखा एक बार फिर चर्चाओं में है। प्रॉपर्टी टैक्स की फाइलें गुम होने से और रिकॉर्ड में खामियां होने पर लोग शिकायतें कर रहे है। वहीं अब प्रशासन करीब 20 ऐसे कर्मचारियों को 2-2 हजार रुपए की राशि देकर सम्मानित करेगा, जिन्होंने टैक्स में ब्याज छूट मिलने के दिनों में 31 मार्च तक देर रात तक कार्य किया। इस पर उनका तर्क है कि कर्मचारियों ने तय समय से अधिक ड्यूटी की। ऐसे में उनका हौसला बढ़ाने और उन्हें अधिक समय तक कार्य करने के एवज में उन्हें सम्मानित किया जाएगा। उधर, इस मामले में पार्षद विरोध में आ गए है। उनका कहना है कि यह उनकी ड्यूटी थी। जनता को तो राहत मिली ही नहीं हो फिर सम्मान कैसा। इस बारे में हाउस की बैठक में अफसरों से जवाब लेने की तैयारी शुरू हो गई हैं।

बता दें कि प्रदेश सरकार ने बकाया हाउस टैक्स के भुगतान के लिए प्रॉपर्टी मालिकों को एकमुश्त बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान पर सौ फीसद ब्याज की छूट का प्रावधान रखा। जिसके तहत शहर के करीबन 44 हजार प्रापर्टी संचालकों ने अपना बकाया जमा करवाया। इस दौरान बिलों में बड़े स्तर पर खामियां सामने आई। साथ ही खुलासा हुआ कि जिन लोगों ने पहले अपना टैक्स जमा करवाया था उनकी पोस्टिग तक नहीं थी। 

- एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक 19.95 करोड़ रुपए बतौर प्रापर्टी टैक्स आया। करीब 44 हजार लोगों ने टैक्स भुगतान किया। जबकि शहर में 1.36 लाख प्रापर्टी है। छूट के लाभ से वंचित रहने के ये रहे बड़े कारण

- शहर की हजारों प्रापर्टी का रिकार्ड दुरुस्त नहीं है। किसी के प्रापर्टी बिल में नाम गलत है। किसी का बिल में टैक्स की राशि गलत है, किसी के रिहायशी को कमर्शियल दर्शाया हुआ है, किसी के बिल में नाम ही नहीं लिखा। किसी की प्रापर्टी ज्यादा दर्शाई हुई है। ऐसे में इन सभी खामियों के कारण बड़े स्तर पर लोग टैक्स के ब्याज की छूट के लाभ से वंचित हो गए।

- टैक्स रिकार्ड दुरुस्त करने के लिए निगम डेढ़ करोड़ से ज्यादा खर्च चुका। अब फिर खर्च कर रहा। फिर भी रिकार्ड दुरुस्त नहीं हुआ।

- साल 2019 में बजट की विशेष बैठक में हाउस टैक्स में भ्रष्टाचार के आरोप के साथ मामला उठा था। हाउस में कमिश्नर ने तीन माह में गृहकर शाखा में जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही थी अभी तक रिपोर्ट तो दूर सम्मान देने की तैयार हो रही है। पार्षदों ने तो कर्मचारियों से भी ज्यादा काम किया है। जनता के घर से बिल लेकर निगम में भुगतान करवाए। लाइनों में लगे अपमान सहा। तो वे तो ज्यादा सम्मान के हकदार है। जनता की समस्या का समाधान हुआ नहीं अब निगम अफसर किस मद से यह राशि देंगे हाउस में जवाब लेंगे।
 

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