जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों ने कर मामलों में स्पष्टीरण की मांग की

Edited By ,Updated: 25 Feb, 2016 11:12 AM

real estate development companies in tax matters related to seeking spshtirn

जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों ने सरकार से 2016-17 के बजट में रेइट के लिए लाभांश वितरण कर में स्पष्टता, एकल खिड़की मंजूरी तथा आवास ऋण...

नई दिल्ली: जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों ने सरकार से 2016-17 के बजट में रेइट के लिए लाभांश वितरण कर में स्पष्टता, एकल खिड़की मंजूरी तथा आवास ऋण पर कर छूट सीमा बढ़ाने जाने की मांग की है। उन्होंने जीएसटी का क्रियान्वयन तथा क्षेत्र को बुनियादी ढांचा का दर्जा दिए जाने की भी मांग की है।



सीबीआरई दक्षिण एशिया के चेयरमैन तथा प्रबंध निदेशक अंशुमन मैगजीन ने कहा, ‘‘स्मार्ट शहर, कायाकल्य एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन तथा प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी शहरी विकास की कई पहल शुरू किए जाने के मद्देनजर आने वाले समय के बारे में स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत की जानी चाहिए।’’

 

हाउस आफ हीरानंदानी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेन्द्र हीरानंदानी ने कहा,  ‘‘बजट में सरकार को कर ढांचे को सरल बनाने की जरूरत है। लाभांश वितरण कर को हटाने से रेईट ( रीयल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट) में निवेश बढ़ेगा और यह क्षेत्र के लिये निर्णायक साबित हो सकता है।’’ उन्होंने कहा कि कर ढांचे को सरल बनाने से उद्योग को गति मिलेगी।

 

आम्रपाली समूह के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डा. अनिल शर्मा ने कहा, ‘‘2022 तक सभी के लिए आवास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सरकार को सस्ते मकान की खरीद पर आयकर छूट तथा कर प्रोत्साहन देने की जरूरत है।’’  उन्होंने कहा कि जमीन-जायदाद से जुड़ी परियोजनाओं में देरी से बचने के लिये एकल खिड़की मंजूरी व्यवस्था करनी चाहिए। 

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