Edited By Ramanjit Singh,Updated: 19 Jul, 2022 07:22 PM
कहा, कृषि पर बनी केंद्रीय समिति से पंजाब को बाहर करने की भाजपा की कार्रवाई ''किसान विरोधी। दावा किया कि केंद्र सरकार ने जिन लोगों को कमेटी का सदस्य बनाया है, उन्होंने तीनों काले कृषि कानूनों का किया था समर्थन
चंडीगढ़, (रमनजीत सिंह)
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने मंगलवार को एमएसपी पर केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी से पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों को बाहर रखने के केंद्र की भाजपा सरकार के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। राघव चड्ढा ने कहा कि इससे न सिर्फ भाजपा के पंजाब विरोधी होने का खुलासा हुआ है, बल्कि देश के अन्न भंडार के लिए वर्षों मेहनत करने वाले पंजाब व पंजाबियों का अपमान भी हुआ है।
राघव चड्ढा ने बयान जारी करके कहा कि कमेटी से पंजाब को बाहर करना न केवल अनुचित है, बल्कि संघवाद के सिद्धांतों का भी उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह अजीब है कि जिस राज्य ने कृषि कानूनों का विरोध करने का बीड़ा उठाया था और भाजपा सरकार को इस समिति के गठन के लिए मजबूर किया था, उसी राज्य को इससे बाहर कर दिया।
केंद्र सरकार ने एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने, फसल विविधीकरण और प्राकृतिक खेती सहित अन्य कृषि संबंधित मुद्दों के लिए सोमवार को समिति का गठन किया, लेकिन समिति में पंजाब का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं है। इस समिति के गठन की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों काले कृषि बिलों के खिलाफ किसान संघ के विरोध के बाद की थी।
सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि यह भाजपा सरकार की किसान विरोधी और पंजाब विरोधी नीतियों को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि समिति में अधिकांश वैसे लोग शामिल हैं जिन्होंने किसान आंदोलन के समय कृषि कानूनों का समर्थन किया था।
चड्ढा ने कमेटी के सदस्यों का हवाला देते हुए कहा कि गुनी प्रकाश, जिन्होंने आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ हिंसा के लिए भाजपा के सीएम खट्टर के आह्वान का समर्थन किया था, गुणवंत पाटिल जो इस बात का समर्थन कर रहे थे कि कैसे कृषि कानून क्रांतिकारी हैं, जबकि पंजाब के किसानों ने कड़ाके की ठंड को सहन किया और अपना विरोध जारी रखा। लातूर के एक भाजपा नेता सैय्यद पाशा पटेल को समिति में शामिल किया, जबकि पंजाब को बाहर कर दिया गया।
चड्ढा ने कहा, "एमएसपी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार की समिति कृषि और किसानों के लिए भाजपा का नजरिया और अदूरदर्शिता का ताजा उदाहरण है। केंद्र सरकार ने जानबूझकर पंजाब को बाहर करके पंजाबियों का अपमान किया है।"
चड्ढा ने कहा "हरित क्रांति की जन्म भूमि और भारत के खाद्य भंडार के रूप में प्रसिद्ध पंजाब को सरकारी प्रतिनिधित्व की अनुमति नहीं दी गई, जबकि कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, सिक्किम और ओडिशा के नौकरशाहों को इस 26 सदस्यीय समिति में स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ऐसा कर पंजाबियों और देश का अन्न भंडार भरने में उनके द्वारा दिए गए मेहनतभरे योगदान का अपमान किया है।