Edited By ,Updated: 22 Mar, 2015 05:25 PM
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि देश के विकास के लिए उनके द्वारा किए जा रहे आंदोलनों के कारण उन्हे विदेशों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।
जालंधर: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि देश के विकास के लिए उनके द्वारा किए जा रहे आंदोलनों के कारण उन्हे विदेशों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। अन्ना ने आज यहां हिंद समाचार पत्र समुह द्वारा आयोजित शहीद परिवार फंड के समारोह में हिस्सा लेने आए थे। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होने कहा कि आंदोलनों के कारण अब उन्हे विदेशों से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं और उन्हें यह कह कर डराया जा रहा है कि वह दूसरे गोडसे हैं।
हजारे ने कहा कि वह मरने से नहीं डरते। उन्होने कहा कि देश की सेवा करते हुए अगर उन्हे मौत भी आ जाती है तो यह उनके लिए सौभाग्य की बात है। अन्ना ने कहा कि जब तक जिंदा हैं वह किसानों के हक के लिए लड़ते रहेंगे। पंजाब में बढ़ रहे नशे के प्रचलन पर चिंता जताते हुए अन्ना ने कहा कि पंजाब के युवक नशे के आदी हो रहे हैं। उन्होने कहा कि अगर इच्छा शक्ति हो तो नशे को खत्म करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं।
उन्होने कहा कि एक गांव में 40 शराब की भट्टीयां लगी हुई थी उस गांव में उन्होने वहां के लोगों को जागरूक कर इसे बंद करवा दिया तथा पिछले 16 साल से अब इस गांव में कोई भठ्ठी नहीं है और न ही बीड़ी सिगरेट और शराब का नशा किया जाता है। हजारे ने कहा कि 1998 में जब वह पंजाब आए थे उस समय यहां आंतकवाद पूरे चरम पर था। उन्होंने कहा कि वह 26 साल की उमर से ही मानवता की सेवा कर रहे हैं।
देश के युवकों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा से बडा कोई धर्म नहीं है और धर्म अपने पडोसियों से ही शुरू होता है। हजारे ने कहा कि उन्हें मिले करोड़ों रुपए का न्यास बना दिया है। 11-12 लाख रूपए का बैंक से ब्याज मिलता है वह भी मानव सेवा में लगा दिया है। अपने ऊपर कभी कोई दाग नहीं लगने दिया और इसी बेदाग जीवन के कारण वह किसी से डरते नहीं है।