विदेश के नाम पर पंजाब के युवकों के साथ धोखा, कैसे कर रहीं माताएं इंतजार, पढ़े स्टोरी

Edited By ,Updated: 13 Apr, 2015 11:04 PM

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इराक में पंजाब के कई नौजवान फंसे हुए हैं। इनके परिजनों के अनुसार एजेंटों ने इन युवकों को अफग़़ानिस्तान भेजने का झांसा देकर इराक भेज दिया। जानकारी के अनुसार ...

 दिल्ली. इराक में पंजाब के कई नौजवान फंसे हुए हैं। इनके परिजनों के अनुसार एजेंटों ने इन युवकों को अफग़़ानिस्तान भेजने का झांसा देकर इराक भेज दिया। जानकारी के अनुसार इन युवकों में से आधे से अधिक युवकों के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पिछले साल जून के बाद से ज्यादातर  का संपर्क अपने परिवार से नहीं हुआ है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरूदीन का कहना है कि इन युवकों के मौजूदा ठिकाने के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि युवकों का पता लगाने के लिए कोशिश की जा रही है। युवकों के परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार तीस से अधिक युवक  बताए जा रहे हैं। 


मां यहां लड़ाई चल रही है..
मेरा बेटा सोनू गऱीबी के कारण बाहर गया है। हमने उसे बाहर भेजने के लिए एक लाख का लोन लिया था। उसकी मां ने बताया कि जब उसे फोन करते हैं तो वह बताता था कि लड़ाई चल रही है। सोनू की मां ने कहा कि अब मैं पास-पड़ोस के घरों में घरेलू काम करके बड़ी मुश्किल से अपने और सोनू के परिवार को पाल रही हूं।

मां मुझे अच्छी नौकरी मिल गई है, तुम चिंता मत करो
मेरे बेटे हरसिमरजीत ने साइंस विषय से 12वीं पास की थी। इसके बाद उसने बी फार्मेसी को कोर्स  किया था। लेकिन जब उसे यहां अच्छी नौकरी नहीं मिली तो उसे विदेश भेजने का फैसला लिया। 
हमने एक एजेंट से संपर्क किया। उसने कहा था कि वह उसे अफग़़ानिस्तान के इर्बिल में भेजेगा लेकिन साल 2013 में उसने हरसिमरजीत को इराक भेज दिया। मां ने बताया कि जब उससे आखिरी में बात हुई थी तो वह काफी खुश लग रहा था, कह रहा था कि मां मुझे यहा पर अच्छी सैलरी मिल रही है। मैं ठीक हूं मेरी चिंता न करें। 

मां मुझे अगवा कर लिया है, कल बताऊंगा पूरी बात
मनजिंदर की मां ने कहा कि मुझे अपने बेटे से काफी उम्मीदें थी, घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उसे विदेश भेजा गया था, ताकि वह घर की स्थिति को उभार सके। यहां के बहुत से लोग कमाने के लिए विदेश जाते हैं, वह बस कुछ साल विदेश में काम करना चाहता था। हमें पता था कि वो अफग़़ानिस्तान जा रहा है, इराक़ नहीं. मैंने उससे पिछले साल 10 जून को बात की थी। तब उसने कहा था कि एजेंट से बात करके वापसी का टिकट भिजवाओ। बाद में उसने हमें बताया कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने उन्हें अगवा कर लिया है। जब हमने पूछा कि उन्हें कहां ले जाया गया है तो उसने कहा कि कल बताऊंगा. 15 जून, 2014 को उसने कहा कि बांग्लादेशी नागरिकों को आईएस ने छोड़ दिया लेकिन उन्हें नहीं छोड़ा। 
 
सरकार देती है आश्वासन
इन सभी युवकों के परिजनों ने बताया कि सरकारहमे  आश्वासन देती है कि हमारे बच्चे सुरक्षित हैं लेकिन उन्हें आने में समय लगेगा। सरकारी आश्वासन से हमें कुछ राहत तो मिलती है लेकिन घर पहुंचते-पहुंचते हम निराशा में घिर जाते हैं। सरकार कहती है कि हमारे लोग सुरक्षित हैं। लेकिन मीडिया में ख़बरें आती हैं कि सरकार को भी इन बच्चों के हालात के बारे में नहीं पता, हमारे बच्चों के बारे में अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है।

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