Edited By ,Updated: 30 Apr, 2015 05:11 PM
सड़क हादसे के एक मामले में कोर्ट ने नाबालिक को दोषी ठहराते हुए अनोखी सजा सुनाई है जिसे सुनकर आरोपी सहित वहां मौजूद सभी चौंक गए।
मोहाली: सड़क हादसे के एक मामले में कोर्ट ने नाबालिक को दोषी ठहराते हुए अनोखी सजा सुनाई है जिसे सुनकर आरोपी सहित वहां मौजूद सभी चौंक गए। दरअसल जिला अदालत ने मंगलवार को नाबालिग को दोषी ठहराया। इसके बाद उसे चार महीने तक हर शनिवार-रविवार मोहाली ट्रैफिक जोन-दो के इंचार्ज इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह सोहल के साथ लोगों को तीन घंटे तक ट्रैफिक नियमों के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए। इतना ही नही अदालत ने साथ ही दोषी को चार महीने तक जोन नंबर-3 के इंचार्ज के साथ हर महीने स्कूलों में करवाए जाने वाली ट्रैफिक वर्कशॉप में शामिल होना पड़ेगा। यह काम उसे पूरी निष्ठा से करना होगा। वरना तीन महीने कैद भुगतनी पड़ेगी।
इस संबंध में मामला खरड़ थाने में 27 जून 2013 को दर्ज हुआ था। थाने में दी शिकायत में जसपाल सिंह निवासी गांव भागोमाजरा ने बताया था कि वह बिजली बोर्ड से रिटायर है। उसके बेटे नाहर सिंह की चार लड़कियां हैं। जसपाल सिंह ने बताया कि 24 जून 2013 को शाम के समय उसकी पत्नी जसबीर कौर अपनी पोतियों को लेकर गुरुद्वारा साहिब माथा टेकने गई थी। जब वह गुरुद्वारा साहिब से माथा टेककर अपनी पोतियों के साथ निकली, तो गांव का एक नाबालिग लड़का अपने दोस्त के साथ मोटरसाइकिल पर गुरुद्वारे के पास ही खड़ा था।
अचानक उन्होंने अपना मोटरसाइकिल स्टार्ट किया और उसकी पोती जश्नप्रीत (पांच साल) को टक्कर मार दी। हादसे में पोती को काफी चोटें लगी। वह पूरी तरह लहूलुहान हो गई। गंभीर हालत में लड़की को अस्पताल में दाखिल करवाया गया था, लेकिन हादसे का जिम्मेदार लड़का वहां से कुछ ही समय में निकल गया। उसने मोटरसाइकिल पर टेंपरेरी नंबर लगाया हुआ था। पुलिस ने उस समय उसके खिलाफ धारा 279, 337 के तहत मामला दर्ज किया था। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह सजा सुनाई।