सरकार के दावे मानें तो 50 रुपए प्रति लीटर होना चाहिए पैट्रोल का दाम

Edited By ,Updated: 02 May, 2015 05:23 AM

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देश में भाजपा व सहयोगी दलों की सरकार के कार्यकाल में यह पहला अवसर है जब पैट्रोल व डीजल के दाम में भारी बढ़ौतरी हुई है।

जालंधर (पाहवा): देश में भाजपा व सहयोगी दलों की सरकार के कार्यकाल में यह पहला अवसर है जब पैट्रोल व डीजल के दाम में भारी बढ़ौतरी हुई है। पैट्रोल करीब 4 रुपए और डीजल 2.37 रुपए महंगा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के चुनावों के दौरान इन कीमतों को नसीब से जोड़ा करते थे लेकिन अगर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के साथ पैट्रोल व डीजल के दाम को आंका जाए तो आज पैट्रोल का भाव 50 रुपए प्रति लीटर के आसपास होना चाहिए था। 
 
असलियत में पैट्रोल की कीमत बढऩे पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में इजाफा होने की दलील दी जाती है लेकिन इस दलील को देने वाले अब मुकर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने 26 मई, 2014 को जब शपथ ली थी तो उस समय पैट्रोल की कीमत 71.41 रुपए प्रति लीटर थी तथा कच्चा तेल 106.94 डॉलर प्रति बैरल था। भारतीय मुद्रा में यह दाम 6200 रुपए प्रति बैरल बनता है। आज जब दिल्ली में पैट्रोल की कीमत 63.16 रुपए है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 66 डॉलर प्रति बैरल है यानी पैट्रोल के भाव सिर्फ  8 रुपए कम हुए हैं जबकि कच्चा तेल अब भी 40 डॉलर सस्ता है। 
 
इसमें 17.46 रुपए की एक्साइज ड्यूटी और 2.04 रुपए की डीलर कमीशन यानी कुल 19.50 रुपए फिक्स्ड है। ये 19.50 रुपए अलग करके अगर उस वक्त के भाव को जैसे कच्चा तेल गिरा है वैसे ही घटाएं और एक्साइज व डीलर कमीशन की फिक्स्ड कॉस्ट को जोड़ें तो उस हिसाब से अगर कच्चे तेल के हिसाब से पैट्रोल का भाव गिरता तो 50.46 रुपए प्रति लीटर होना चाहिए।
 
इसमें एक और पेंच यह है कि जब पैट्रोल की कीमतें कम हो रही थीं तब सरकार ने कई बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी और दलील दी गई थी कि अगर बाजार में दाम बढ़े तो उन्हें नियंत्रित किया जाएगा। बड़ा सवाल यह है कि क्या मोदी सरकार अब एक्साइज ड्यूटी घटाने जा रही है ताकि बढ़े दाम को संभाला जा सके। 

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