Edited By ,Updated: 23 Jun, 2015 12:15 PM
'मौत चाहे मुझे कल ले जाए यां चाहे आज, मैंने अपनी उम्र में बहुत कुछ देख लिया है और अब तो बस ईश्वर के बुलावे का इंतजार कर रहा हूं।'
लंदनः 'मौत चाहे मुझे कल ले जाए यां चाहे आज, मैंने अपनी उम्र में बहुत कुछ देख लिया है और अब तो बस ईश्वर के बुलावे का इंतजार कर रहा हूं।' जिंदगी के फलसफे को तंदुरुस्ती से और खूबसूरत बनाने वाले बापू नाजर सिंह के यह शब्द इस तरह ही कईयों को जीवन जीने की सीख देते रहेंगे लेकिन अब लोगों का रास्ता दिखाने वाले वह बापू नाजर सिंह खुद नहीं होंगे।
परमात्मा ने उनकी इस आखिरी इच्छा को पूरे करते हुए उन्हें अपने पास बुला लिया है । बापू के पोते हरविन्दर सिंह ने बताया कि वह पिछले काफी दिनों से बीमार थे और फादर्स डे से एक दिन पहले वह अपनी संसारिक यात्रा पूरी कर गए।
बापू नाजर सिंह अपनी उम्र के पूरे 11 दशक जी कर और अपना 111वां जन्मदिन मना कर सदा के लिए अलविदा कह गए। बापू नाज़र सिंह का जन्म 8 जून, 1904 में पंजाब में हुआ था और पिछले 50 सालों से लंदन के सन्दरलैंड में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
नाज़र सिंह दुनिया के तीसरे सबसे बड़ी उम्र के व्यक्ति थे। उनके परिवार में कुल 106 मैंबर हैं। बापू नाज़र सिंह का विवाह निरंजन कौर के साथ 1932 में हुआ था और 12 साल पहले वह इस दुनिया को 90 साल की उम्र में अलविदा कह गर्इ।
बापू नाज़र सिंह के पारिजनों का कहना है कि उनकी खुराक ही उनकी इस लम्बी उम्र का राज थी। उम्र के 12 दशक में कदम रख चुके बापू नाज़र सिंह रोज़मर्रा की फल खाते और दूध पीते थे और 10 घंटों तक सोकर अपनी नींद पूरी करते थे। हमारी तो यह ही दुआ है कि पंजाबियों के बाबा बोहड़ बापू नाजर सिंह को परमात्मा अपने चरणों में जगह दे।