Edited By pooja verma,Updated: 14 Apr, 2020 11:02 AM
पटियाला के ए.एस.आई. के कटे हाथ की सर्जरी कोई आसान काम नहीं था, मगर इसे कर दिखाया पी.जी.आई. के डॉक्टरों की टीम ने।
चंडीगढ़ (रवि पाल) : पटियाला के ए.एस.आई. के कटे हाथ की सर्जरी कोई आसान काम नहीं था, मगर इसे कर दिखाया पी.जी.आई. के डॉक्टरों की टीम ने। पी.जी.आई. प्लास्टिक सर्जन डॉ. सुनील गाबा के अनुसार इस तरह की सर्जरी में वक्त बहुत बड़ा रोल प्ले करता है। सर्जरी हो चुकी है, लेकिन इस वक्त बड़ी मुश्किल और टैंशन इस बात की है कि ब्लड सर्कुलेशन बना रहे।
पी.जी.आई. में रविवार को रेयर सर्जरी कर ए.एस.आई. हरजीत सिंह का कटा हाथ जोड़ा गया। प्लास्टिक सर्जरी टीम और एनेस्थीसिया डिपार्टमैंट के साथ नर्सिंग ने इस सर्जरी को करने में सफलता हासिल की। डॉ. सुनील गाबा के मुताबिक वह एक हफ्ते तक मॉनीटर करेंगे। सर्जरी को एक दिन हो चुका है।
एक लीटर खून बह चुका था : रविवार को ब्लड सर्कुलेशन शुरू हो चुका था। हाथ की कंडीशन और उसका वर्किंग प्रोसैस इसी बात पर तय होगा कि सर्कुलेशन बना रहे। मरीज़ का एक लीटर खून पी.जी.आई. आने से पहले बह चुका था, जिसे हमने ब्लड चढ़ाकर पूरा कर दिया था। इस तरह के केस में रिकवरी बहुत धीरे होती है।
पहले दो ऐसे केस हैंडल कर चुके डॉ. अंकुर लूथरा
एनेस्थीसिया डिपार्टमैंट का किसी भी सर्जिकल प्रोसैस में एक अहम रोल होता है। सीनियर कंसल्टैंट डॉ. अंकुर लूथरा कहते हैं कि अपने अब तक के करियर में वह इस तरह के दो केस हैंडल कर चुके हैं।
इस केस में अच्छी बात यह थी कि मरीज़ का कटा हुआ था फ्रीज कर भेजा गया था। इसकी वजह से उसकी कंडीशन अच्छी थी, लेकिन सड़क पर गिरने के कारण इंफैक्शन का चांस बढ़ जाता है, जिसे देखते हुए हमने ट्रांसप्लांट से पहले डिस इंफैक्ट किया।
मूवमैंट में अभी एक महीना लगेगा
आमतौर पर इस तरह के मरीजों को एनेस्थीसिया देने से पहले 8 घंटे की फास्टिंग बहुत जरूरी होती है। मरीज़ ने सुबह से सिर्फ चाए पी हुई थी। हाथ को जल्द से जल्द जोडऩा था। हम इंतजार भी नहीं कर सकते थे कि पल्स रेट आ चुकी है। कम से कम 5 से 7 दिन के बाद कुछ कहा जा सकता है। मूवमैंट की बात करें तो एक महीना तो लगेगा।
पहली बार की इस तरह की सर्जरी
पी.जी.आई. स्टाफ नर्स की ओर से तीन स्टाफ नर्स अरविंद, अर्श ओर स्नेहा ने इस सर्जरी में अपना योगदान दिया। अरविंद ने बताया कि वह पी.जी.आई. में 2011 से पोस्टेड हैं और पहली बार इस तरह की सर्जरी का हिस्सा रहे।
उन्होंने बताया कि मैं इस फील्ड में नहीं हूं। बावजूद इसके स्टाफ ने अच्छा काम किया। सुबह ही हमें इस आप्रेशन के बारे में बता दिया गया था। ओ.टी. टेबल और दूसरी सभी तैयारी पहले ही की जा चुकी थी। इस केस को देखने के बाद सोच में आती है कि कोई कैसे किसी को इतनी बुरी तरह मार सकता है।