पंजाब से नशा खत्म करना चाहते हैं CM अमरिंदर और सिद्धू, फिर भी कर रहे हैं अफीम की खेती की वकालत

Edited By Vatika,Updated: 03 Oct, 2018 11:50 AM

captain amrinder navjot sidhu want to legalize opium crop

सात दिन के अंदर पंजाब से नशा खत्म करने के दावे फेल होने के बाद पंजाब सरकार ने अब नया शिगूफा छोड़ दिया है। पटियाला के सांसद धर्मवीर गांधी ने अफीम की खेती को वैधता देने की मांग क्या उठाई, पलक झपकते ही पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने इस...

 

जालंधर: सात दिन के अंदर पंजाब से नशा खत्म करने के दावे फेल होने के बाद पंजाब सरकार ने अब नया शिगूफा छोड़ दिया है। पटियाला के सांसद धर्मवीर गांधी ने अफीम की खेती को वैधता देने की मांग क्या उठाई, पलक झपकते ही पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू ने इस मांग का समर्थन कर डाला। उधर पंजाब से नशा खत्म करने का ढोल बजा रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी आव देखा न ताव और सिद्धू की पीठ थपथपाते हुए कहा कि अफीम का नशा नुकसानदेह नहीं है। इससे साफ जाहिर है कि पंजाब सरकार सूबे से नशे को खत्म करने में पूरी तरह विफल हो चुकी है। खैर छोड़िए य बात दो-तीन दिन पुरानी हो गई है। यहां आपको यह बताने जा रहे हैं कि जिस अफीम की खेती की वैधता की सीएम अमरिंदर सिंह और उनके मंत्री सिद्धू कर रहे है उन्हें मालूम होना चाहिए कि हेरोइन, स्मैक और ब्राउन शूगर को अफीम एसिटिक एनहाइड्राइड मिश्रण कर बनाया जाता है। इसका केमिकल फार्मूला डाईएसिटिल मार्फिन है। 

 

सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके काबीना मंत्री सरकार बनने के बाद पंजाब से नशे को खत्म करने की भरपूर कोशिश करते रहे। बड़े-बड़े दावे भी पंजाब सरकार ने किए कि काफी तस्कर जेलों में बंद हैं। सूत्रों की माने तो जेलों में नशा करने वाले नशेड़ियों की संख्या ज्यादा है।अलबत्ता इस मुद्दे को भी थोड़ी देर यहां विराम दे देते हैं। बात करते है कि यदि पंजाब में अफीम की खेती को वैधता मिल भी जाती है, तो अफीम को प्रोसेस कर यहीं पर हेरोइन, स्मैक और ब्राउन शुगर तैयार होने लगेगी। चूंकि ड्रग माफिया की अपने मुल्क में भी कमी नहीं है। मान भी लिया जाए कि अफीम की खेती से किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा और फार्मा कंपनियों को दवा बनाने में मदद मिलेगी, लेकिन इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता कि अफीम की खेती की वैधता कभी भी नशाखारी को रोक नहीं पाएगी।
 

 

पंजाब में नशाखोरी के मुद्दे को कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हवा दी थी लेकिन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तो नशे को सात दिन में खत्म करने के झूठे वादे पर अपनी सियासी बुनियाद रखी। पंजाब सरकार ने सत्ता में आते ही नशाखोरी के खिलाफ अभियान छेड़ा। कुछ तस्करों को हवालात की सैर भी करवाई और कुछ नशेड़ियों को भी हिरासत में लिया। यह अभियान चल ही रहा था कि अवैध खनन के मुद्दे पर सरकार घिर गई और नशाखोरी का मुद्दा पुलिस थानों की फाइलों में धूल फांकने लगा। बहरहाल पंजाब में नशे के ओवरडोज से हुई यवकों की मौतों ने पंजाब सरकार को झिंझोड़ कर रख दिया। इस दौरान सरकार की काफी किरकिरी भी हुई। जब सांसद धर्मवीर गांधी ने अफीम की खेती का मसला उठाया तो पंजाब के कबीना मंत्री सिद्धू उनके समर्थन में उतर गए। सिद्धू वही शख्सियत हैं जिन्होंने नशे के खिलाफ न जाने कथावाचक की तरह कितने शब्दबाण अपने तरकश से निकाले। सीएम कैप्टन भी नशे को पंजाब से खत्म करने की सौगंध खाकर फंस चुके हैं। शायद अब इसलिए ही अफीम की खेती की बात करने लगे हैं।

      

 

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