हाईकोर्ट के फैसले से लोगों में गुस्सा, कहा - नहीं गिराने देंगे मकान, चाहे चली जाए जान

Edited By Priyanka rana,Updated: 04 Mar, 2020 11:46 AM

high court

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सुखना लेक के 1085 मीटर के दायरे में बने सभी निर्माणों को हटाने के आदेश के बाद कांसल, नयागांव व अन्य दायरे में आते इलाकों के बाशिंदों में हड़कंप मच गया है।

नयागांव(मुनीष) : पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने सुखना लेक के 1085 मीटर के दायरे में बने सभी निर्माणों को हटाने के आदेश के बाद कांसल, नयागांव व अन्य दायरे में आते इलाकों के बाशिंदों में हड़कंप मच गया है। खासकर कांसल के पुश्तैनी लोगों का कहना है कि 400 साल पुराने उनके गांव को कभी हाईकोर्ट और विधानसभा बनाने के लिए अधिगृहीत किया गया। 

अब कैचमैंट का हवाला देकर उन्हें उजाडऩे के आदेश हाईकोर्ट ने दिए हैं। कांसल व नयागांव में अपने जीवनभर की जमापूंजी लगाकर घर बनाने वाले परिवारों के चेहरों पर शिकन है। उन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी है। लोगों का कहना है कि टाटा कैमलॉट प्रोजैक्ट को लेकर शुरू हुई कानूनी लड़ाई में वह भी पिस गए, जबकि उन्होंने ही टाटा कैमलॉट प्रोजैक्ट के खिलाफ कोर्ट में एप्लीकेशन लगाईं थी। 

लोग हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध जता रहे हैं। उनका कहना है कि वह अपने मकान नहीं गिराने देंगे, चाहे इसके लिए उन्हें जान ही क्यों न देनी पड़े। कांसल के कुछ ऐसे ही परिवारों से पंजाब केसरी ने बातचीत की।

लोगों ने दी ये प्रतिक्रियाएं -

पूरी जिंदगी की कमाई लगा दी :
कांता देवी ने बताया कि जब से हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है, तब से पूरा परिवार सदमे में है। पूरी जिंदगी की कमाई तो मकान बनाने में लगा दी। अब इस उम्र में कमाई का कोई साधन नहीं। हाईकोर्ट के इस फैसले का हम विरोध करते हैं।    

लाशों के ऊपर से गुजरना होगा :
सुखविंद्र कौर ने बताया कि कई साल से हम कांसल में रह रहे हैं। लुधियाना से आकर यहां अपना मकान बनाया, अब अगर कोई मकानों को गिराने आएगा तो उसे पहले हमारी लाशों के ऊपर से गुजरना होगा।

फैसला लोक हित विरोधी :
सुधीर भाटिया ने बताया कि हाईकोर्ट का फैसला लोक हित के विरोध में है। कांसल में हजारों लोगों ने अपनी खून-पसीने की कमाई लगाई हुई है। अब ऐसे हाल में हम कहां जाएंगे।

प्रॉपर्टी टैक्स दिया, कैसे गिरा देंगे :
ऊषा रानी ने बताया कि अब इस उम्र में हम कहां जाएंगे। जमीन की रजिस्ट्री हुई है। लाखों रुपए मकान बनाने में लगाए हैं। प्रॉपर्टी टैक्स भी दिया है। अब गिराने की बात कही जा रही है। ऐसे में हम मकानों को गिराने नहीं देंगे।    

हमें अपने मकान सही चाहिए :
उर्मिला ने बताया कि हाईकोर्ट ने मकान वालों को 25 लाख रुपए देने के लिए कहा है, लेकिन 25 लाख में जमीन भी पूरी नही हो सकती। हमें 25 लाख नहीं, अपने बने हुए मकान ही सही सलामत चाहिए।  

ये आदेश किसी दर्द से कम नहीं :
-किरण ने बताया कि जिन लोगों के मकान बने हुए हैं, उनकी सरकारी नियमों के अनुसार तहसील में रजिस्ट्रियां भी हो रखी हैं। सरकारी सुविधाएं बिजली-पानी भी मिल रही हैं। अब यह आदेश कांसल के लोगों के लिए किसी दर्द से कम नहीं।     

जब बनाते हैं तो क्यों नहीं बताते :
कामिनी भाटिया ने बताया कि जब लोग मकान बनाते हैं, तब कोई नहीं बताता कि यह जगह अवैध है। हम लोग अपने अपने मकानों का प्रॉपर्टी टैक्स तक देते हैं। सरकार की ओर से बिजली पानी की सुविधा भी हमें मिल रही है। हमारीगलती नहीं, अपने जीते जी हम मकानों को गिराने नहीं देंगे।    

कांसल में सन्नाटा छाया हुआ है :
ओमकार ने बताया कि आज सुबह से कांसल एरिया में सन्नाटा पसरा हुआ है। कई साल रहते हो गए, लेकिन अब अपने हाथों से बनाए मकानों को कैसे गिरता देख सकते हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले का हम विरोध करते हैं। 

तो हम पैसा बर्बाद ही नहीं करते :
प्रवीन कुमार ने बताया कि पूरी पूंजी मकान पर लगा दी। अब उम्र ऐसी नहीं रही कि कहीं नौकरी कर सकें। मकान तोड़ दिए गए तो हम कहां जाएंगे। जब कांसल में मकान बने तो किसी ने नहीं बताया कि इस एरिया में मकान नहीं बन सकते। अगर कोई बताता तो हम अपना पैसा बर्बाद ही नहीं करते।    

मकान गिराने नहीं देंगे :
अर्जुन दास ने बताया कि हम अपने मकानों को गिरने नहीं देंगे, चाहे हमारी जान तक चली जाए। मकानों को गिराने का फैसला सुनने के बाद तो मेरा हाल बेहाल हो रखा है।     

लोन लेकर बनाया था मकान :
रविंद्र कौर ने बताया कि जब नौकरी थी, तब लोन लेकर मकान बनाया था। अब मकानों को गिराने की बात कही जा रही है। इसका हम पुरजोर विरोध करेंगे। रिटायर होने के बाद व्यक्ति अपने घर में रहता है, लेकिन यहां तो हमारे अपने बनाए घरों को ही उजाड़ा जा रहा है।     


 

 

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