Edited By Niyati Bhandari,Updated: 06 Oct, 2019 08:43 AM
6 अक्तूबर को दुर्गा अष्टमी सुबह 10.55 पर समाप्त हो जाएगी और नवमी आरंभ हो जाएगी जोकि 7 अक्तूबर सोमवार को दोपहर 12.38 बजे तक रहेगी। चंडीगढ़ के ज्योतिर्विद मदन गुप्ता सपाटू ने कहा कि
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जालंधर (धवन): 6 अक्तूबर को दुर्गा अष्टमी सुबह 10.55 पर समाप्त हो जाएगी और नवमी आरंभ हो जाएगी जोकि 7 अक्तूबर सोमवार को दोपहर 12.38 बजे तक रहेगी। चंडीगढ़ के ज्योतिर्विद मदन गुप्ता सपाटू ने कहा कि 8 अक्तूबर मंगलवार को दशमी दोपहर 2.50 बजे समाप्त हो जाएगी।
मदन गुप्ता सपाटू ने कहा कि दुर्गा अष्टमी को कन्या पूजन करके व्रत आदि का उद्यापन करना शुभ रहेगा। श्री दुर्गा अष्टमी पर 9 वर्ष की 9 कन्याओं व एक बालक को निवास पर बुलाकर कंजक पूजन करना शुभ है। कंजकों के मस्तक पर लाल टीका लगाएं तथा कलाई पर मौली बांधें। लाल पुष्पों की माला पहनाकर उनका पूजन करना अति शुभ है तथा साथ ही उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद लें। उन्हें लाल चुनरी या लाल परिधान व उपयोगी उपहार देकर विदा करें तथा साथ ही कन्या रक्षा का भी संकल्प लें।
उन्होंने कहा कि नवरात्रे के 8वें दिन यानी अष्टमी का खास महत्व होता है। दुर्गा अष्टमी का व्रत करने से भी कष्टों से छुटकारा मिलता है तथा धन धान्य की प्राप्ति होती है। दुर्गा अष्टमी इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें दुर्गा माता के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा होती है। माता महागौरी ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी।
मदन सपाटू ने कहा कि धार्मिक मान्यता तो यह भी है कि नवरात्रि में रोज कन्या पूजन करना चाहिए लेकिन जो लोग रोज कन्या पूजन नहीं करते वह अष्टमी या नवमी की सुबह कन्या पूजन कर सकते हैं। कन्या को देवी रूप मान कर उनका स्वागत किया जाना चाहिए जिससे देवी प्रसन्न होती है तथा भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। कन्याओं की आयु 2 से 9 वर्ष होनी चाहिए क्योंकि इसी आयु की कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना गया है। कन्याओं के साथ एक लोंगड़ा यानी लड़के को भी बिठाते हैं क्योंकि कहा जाता है कि उसके बिना कन्या पूजन पूर्ण नहीं होता।