Edited By Priyanka rana,Updated: 30 May, 2020 10:05 AM
कोरोना लॉकडाऊन की वजह से पी.जी.आईं. में 60 हजार से ज्यादा इलैक्टिव (रुटीन) ऑप्रैशंस नहीं किए जा सके।
चंडीगढ़ (अर्चना) : कोरोना लॉकडाऊन की वजह से पी.जी.आईं. में 60 हजार से ज्यादा इलैक्टिव (रुटीन) ऑप्रैशंस नहीं किए जा सके। आंकड़े कहते हैं एक महीने में पी.जी. आई. में औसतन 21 हजार से लेकर 22 हजार ऑप्रैशंस किए जाते हैं, परंतु कोरोना के चलते संस्थान में आपात स्थिति में आने वाले सिर्फ 1535 पेशैंट्स के प्रोसिजर ही किए जा सके।
इनमें 690 ऑपरेशन एमरजैंसी थिएटर में किए, जबकि 845 सर्जरी एडवांस ट्रॉमा सैंटर में की गईं। आंकड़े कहते हैं कि पी.जी.आईं. में लॉकडाऊन शुरू होने से पहले फरवरी माह में 21,836 ऑपरेशन किए गए, जिनमें 4,208 मेजर और 17,628 माइनर ऑप्रैशंस थे। इनमें 1304 के करीब ऑपरेशन ऐसे थे जो एमरजैंसी और ट्रॉमा से संबंधित थे।
सर्जरी, सर्जन और पेशैंट होता है हाई रिस्क पर :
पी.जी.आई. के एक विभाग के एच.ओ.ड़ी. का कहना है कि सर्जरी, सर्जन और पैशैंट यह तीनों कोरोना संक्रमण के लिए हाई रिस्क पर होते हैं। एक पैशैंट की सर्जरी के बाद जब दूसरा पैशैंट कोरोना संक्रमित है कि नहीं यह कोविड जांच के बगैर नहीं पता चल सकता। अब सर्जरी से पहले पेशैंट्स की कोविड टैस्टिंग शुरू कर दी गई है और अगले सप्ताह से टैस्टिंग का नंबर बढ़ा दिया जाएगा। ऑप्रैशंस की रफ्तार भी बढ़ना शुरू हो जाएगी।
एकदम सभी सर्जरी शुरू करना रिस्की : जगतराम
पी.जी.आई.के डायरैक्टर प्रो.जगत राम का कहना है कि एमरजैंसी ऑप्रैशंस तो लॉकडाऊन में भी चलते रहे हैं और अब तो एमरजैंसी के साथ सैमी एमरजैंसी सर्जरी भी शुरू कर दी गई हैं। रूटीन में होने वाली इलैक्टिव सर्जरी भी धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ेंगी। एकदम से सारे प्रोसिजर शुरू करना रिस्की हो सकता है।
एमरजैंसी प्रोसिजर पूरी सावधानी से किए जा रहे हैं :
जी.एम.एस एच.-16 के मैडिकल सुपरिटैंडेंट प्रो.वीरेंद्र नागपाल का कहना है कि एक माह में 30 के करीब एमरजेंसी ऑपरेशन किए जा रहे है। गाइनीकोलॉजी सर्जरी भी नियमित तौर पर चल रही है रूटीन सर्जरी भी जल्द करना शुरू कर देंगे परंतु कोरोना से बचाव की सारी सावधानियों को अपनाते हुए।
उधर, जी.एम.सी.एच.-32 के एक एक अधिकारी ने नाम न लिखे जाने की शर्त पर कहा कि एक दिन में 8 से 10 प्रोसिजर किए जा रहे हैं। पहले एक दिन 20 के करीब इलैक्टिव सर्जरी हो जाती थी। महीने में 600 के करीब रूटीन ऑप्रैशंस किए जाते थे।
लॉकडाऊन में नहीं लग सके इंजैक्शन :
74 वर्षीय महेंद्र कौर फेफडों की पैशैट हैं। उन्हें हर महीने पी.जी.आई. में इजैक्शन लगते हैं, ताकि उनकी श्वास क्रिया ठीक से चलती रहे। मार्च में उन्हें इंजैक्शन दिए गए थे और दोबारा अप्रैल में लगने थे, परन्तु लॉकडाऊन की वजह से उन्हें यह इंजैक्शन नहीं मिल सका और अब मई में उन्हें इंजैक्शन लग सका है।
महेंद्र कौर के पुत्र जसपाल सिंह का कहना है कि उनकी मां को यह इंजैक्शन देने बहुत जरूरी होते हैं, उनके बगैर उन्हें सांस लेने में बहुत दिक्कत आती है परंतु ऐसे समय में उन्होंने बड़ी मुश्किल से मैनेज किया। उम्र ज्यादा होने की दजह से उनकी सर्जरी नहीं की जा सकती।
पी.जी.आई. में फरवरी में किए गए ऑप्रेशंस :
मेजर 4208
माइनर 17628
कुल 21836
लॉकडाऊन के दौरान नहीं हुई इलैक्टिव सर्जरी
जी.एम.सी.एच.-32 में करीब 1800
जी.एम.एस.एच.- 16 में करीब 2100
(10 से 12 एमरजैंसी ऑप्रेशंस रोज दोनों अस्पतालों में किए जा रहे हैं।)
लॉकडाऊन में पी.जी.आई. में एमरजैंसी में किए ऑप्रेशंस
एमरजैंसी ऑप्रेशन थिएटर 690
एडवांस ट्रॉमा सैंटर ओ.टी. 845
पी.जी.आई. में 2018 और 2019 में हुई सर्जरी
ऑप्रेशन 2018 2019
मेजर 50243 51221
माइनर 202413 214055
कुल 252656 265276
एक माह में औसत 21054.7 22106.3