Edited By ,Updated: 03 Jan, 2016 05:28 PM
भारत पाकिस्तान सीमा पर नरोट जैमल सिंह पुलिस स्टेशन के इलाके में पुलिस अधीक्षक सलविन्द्र सिंंह तथा उनके साथ दो अन्य ..
गुरदासपुर/ पठानकोट: भारत पाकिस्तान सीमा पर नरोट जैमल सिंह पुलिस स्टेशन के इलाके में पुलिस अधीक्षक सलविन्द्र सिंंह तथा उनके साथ दो अन्य के अपहरण की घटना को पंजाब पुलिस तथा खुफिया एजेंसियों ने गंभीरता से लिया होता तो पठानकोट एयरफोर्स बेस कैंप पर हमला न होता। यह बात जीवित बचे राजेश वर्मा ने दी, जिसका एसपी के साथ अपहरण किया गया था। चूंकि वह गाड़ी चला रहा था इसलिए आतंकवादियों ने उसे एसपी समझ लिया और अपने साथ ले गए तथा एसपी और कुक को रास्ते में फेंक दिया और उसे अपने साथ ले गए तथा आगे चलकर उसका गला रेतकर जंगलों में फेंक दिया।
उसने बताया कि आतंकवादी कह रहे थे कि उनका सिखों के साथ कोई झगड़ा नहीं । असल में उन्हें अफजल गुरु की मौत का बदला लेना है। यही वजह रही कि एसपी तथा उनके कुक को छोड़ दिया और गैर सिख होने के कारण उसे साथ ले गये । उन्होंने उसकी जेब से 2 हजार रुपए निकाले तथा उसके मोबाइल का इस्तेमाल किया और गला काटकर उसे मरा समझ कर एयरफोर्स बेस कैंप के पीछे जंगल में छोड़ गए।
उसने कहा कि वह रक्तरंजित हालत में गले को बांधकर पास के गांव पहुंचा तो किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। उसने उन्हें यकीन दिलाने की कोशिश की कि वह अमीर आदमी है जितना पैसा चाहिये मैं दूंगा लेकिन उसे अस्पताल पहुंचा दो । बेदर्द लोगों ने उसे मरने को छोड़ दिया । वह बेहोशी की हालत में दूर के गुरद्वारे में पहुंचा, जहां के ग्रंथी ने उसकी मदद की और उसके परिवार वालों को फोन पर सूचना दी। राजेश ने कहा कि कार में सवार सेना की वर्दी पहने 6 आतंकवादियों में से 4 हथियारों से लैस तथा दो बिना हथियार थे । इन्होंने जूतों के फीतों से उसके हाथ पैर बांधकर गांव के पास पठानकोट के पास मरा समझकर फेंक दिया। उसने कहा कि मैंने पुलिस तथा खुफिया एजेंसियों को पूरी बात बतायी लेकिन किसी ने उसकी बात पर यकीन नहीं किया बल्कि पंजाब पुलिस ने उसे जलील किया । सारे दिन वह यही रट लगाता रहा कि वे आतंकवादी थे लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया और इतना बड़ा हमला होने से बच जाता यदि मेरी बात पर एतबार कर लिया गया होता।
गुरदासपुर में एसपी .मुख्यालय.रहे सलविन्द्र सिंंह का कुछ दिन पहले ही गुरदासपुर से तबादला हुआ था ।वह अपने दोस्त राजेश वर्मा तथा कुक के साथ अपनी कार से नरोट जैमल सिंंह क्षेत्र में एक धार्मिक स्थान पर पूजा अर्चना करके लौट रहे थे ।रास्ते में गांव सिम्बली गुज्जरा के पास छह हमलावरों ने उनका अपहरण कर लिया था।