ऑनर किलिंग जघन्य अपराध, आरोपी दया के पात्र नहीं : हाईकोर्ट

Edited By Ajesh K Dharwal,Updated: 29 Oct, 2020 11:50 PM

punjab and haryana high court

डी.जी.पी. से मांगा जवाब

चंडीगढ़, (हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ऑनर किङ्क्षलग के मामलों की बढ़ती घटनाओं पर ङ्क्षचता जताई है। हाईकोर्ट ने इस संबंध में महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा में ऐसे मामलों को गैर-वैज्ञानिक तरीके से हो रही पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाया है।
हरियाणा के डी.जी.पी. को हलफनामा देकर बताने को कहा है कि राज्य में कितने  ऑनर किङ्क्षलग के केस दर्ज हैं, कितनों के चालान पेश हो चुके हैं और कितने अंडर ट्रायल हैं। यह भी पूछा है कि ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक से निपटाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। डी.जी.पी. को यह भी जानकारी देने का आदेश दिया है कि ऑनर किङ्क्षलग में प्रभावित परिवार, गवाह और दंपति की सुरक्षा के लिए पुलिस क्या कदम उठाती है। ऐसे जघन्य अपराध में गवाहों और सबूतों की पूरी चेन होती है, पुलिस किस तरीके से उनकी सुरक्षा का बंदोबस्त करती है।

 


जस्टिस ए.के. त्यागी ने फतेहाबाद के भट्टू कलां में ऑनर किङ्क्षलग के आरोपी रवि कुमार की नियमित जमानत की मांग पर यह आदेश दिए। रवि कुमार व अन्य 14 लोगों पर आरोप था कि युवक धर्मवीर का अपहरण कर हत्या कर दी। धर्मवीर ने उनकी परिवार की बेटी सुनीता से अंतर्जातीय प्रेम विवाह किया था। भट्टू कलां में 1 जून, 2018 को 15 लोगों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की गई, जिसमें लड़की के परिवार वाले और रिश्तेदारों के नाम शामिल थे। लड़की ने मैजिस्ट्रेट के सामने परिवारों वालों के खिलाफ बयान भी दर्ज दिए थे। हाईकोर्ट में जब पुलिस ने मामले में जवाब दायर किया तो कोर्ट ने ऐसे मामलों की जांच पर सवाल उठाया और डी.जी.पी. को एफिडैविट के जरिए उपरोक्त सवालों के जवाब दायर करने को कहा है।

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