Edited By Priyanka rana,Updated: 11 May, 2020 11:09 AM
रविवार सुबह हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत मंडियों में भीग गई। कोरोना संकट और कर्फ्यू के चलते सरकार की ओर से मंडियों में किए विशेष प्रबंधों के दावे भी बारिश में उजागर हो गए।
डेराबस्सी/लालडू (गुरप्रीत) : रविवार सुबह हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत मंडियों में भीग गई। कोरोना संकट और कर्फ्यू के चलते सरकार की ओर से मंडियों में किए विशेष प्रबंधों के दावे भी बारिश में उजागर हो गए। बारिश के चलते डेराबस्सी की धनौनी व लालडू अनाज मंडी में खुले आसमान में पड़ी हजारों गेंहू की बोरियां भीग गईं।
हालांकि मंडी में काम कर रहे श्रमिकों ने तिरपाल डालकर गेहूं की बोरियों को भीगने से बचाने को कोशिश की लेकिन मंडी में व्यवस्था न होने के कारण बोरियों को भीगने से नहीं बचाया जा सका। उधर बारिश में खराब होते गेहूं की जिम्मेदारी किसी की है। जिससे हर कोई अपना पल्ला झाड़ रहा है।
मंडियों में गेहूं की ढेरियां और बोरियां भीगी तो खेतों में नरमा और ज्वार वगैरह की फसल के नहीं उगने की चिंता भी बन गई। मंडी से गेहूं की लिफ्टिंग का काम काफी धीमा चल रहा है। सबसे बड़ी लापरवाही तो यह भी है कि बारिश में भीगने से बचाव का मंडियों में कोई इंतजाम नहीं किए गए। जानकारी मुताबिक इस समय धनौनी मंडी में लिफ्टिंग न होने से 8-10 हजार बोरी गेहूं की पड़ी है।
मार्कीट कमेटी कर्मी के अनुसार गेहूं सरकार की ओर से खरीद गया है तथा खरीद एजैंसी एफ.सी.आई. व पनग्रैन (फूड सप्लाई) की जिम्मेदारी है कि वह यहां से गेहूं की लिफ्टिंग सही समय पर करें। इसमें मार्कीट कमेटी का कोई रोल नहीं है।
वहीं फूड सप्लाई विभाग की इंस्पैक्टर खुशविंदर कौर ने कहा कि इसमें उनका कोई रोल नहीं है। दूसरी ओर गेहूं से भरी बोरियों को भीगने से बचाने के लिए आढ़तियों की जिम्मेदारी भी बराबर की होती है तथा इनके ऊपर ध्यान मार्कीट कमेटी ने रखना होता है लेकिन यह सभी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं व बोरियों में भरा गेहूं खराब हो रहा है।
लालडू में भी यही हाल :
लालडू की अनाज मंडी में कई टन गेहूं मंडी में खरीद हो चुकी है तथा मंडी में हजारों बोरी खुले में पड़ी है। मौके पर देखा कि आधी बोरियों पर तरपालें न होने पर बारिश में यह भीग रही थी। बारिश में खराब हो रहे गेहूं को बचाने के लिए कोई अधिकारी मंडी में नहीं आया। अधिकारियों ने गेहूं को सड़ने के लिए छोड़ दिया। मार्कफैड, पनसप, एफ.सी.आई. की ओर से गेहूं की खरीद की गई है।